भ्रष्टाचार और उपेक्षा के खिलाफ मोर्चा की हुंकार
जमालपुर रेल निर्माण कारखाना के विकास और रेल से जुड़ी अन्य इकाइयों को सुदृढ़ बनाने के लिए संघर्षरत जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा ने शनिवार को स्थानीय जुबली वेल चौक पर एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इस आंदोलन की अगुवाई मोर्चा के संयोजक सह सपा जिला अध्यक्ष पप्पू यादव ने की। धरने की अध्यक्षता सीपीआई के वरिष्ठ नेता दिलीप कुमार ने की, जबकि संचालन लोहिया वाहिनी के प्रदेश महासचिव रविकांत झा ने किया।
धरना को संबोधित करते हुए मोर्चा के नेताओं ने केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय राजनीति, पूंजीवादी नीतियां और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण जमालपुर कारखाना लगातार उपेक्षा का शिकार हो रहा है। मोर्चा के संयोजक पप्पू यादव ने कहा, “जमालपुर रेल कारखाना, जिसे भारतीय रेल का गौरव माना जाता है, अब केंद्र सरकार और स्थानीय अधिकारियों के षड्यंत्र के कारण बदहाल स्थिति में है। यह स्थिति अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
भ्रष्टाचार और अराजकता पर नेताओं का तीखा प्रहार
धरने में शामिल सीपीआई नेता दिलीप कुमार, राजद प्रदेश महासचिव पंकज यादव, भाकपा माले के वरिष्ठ नेता अशोक सिंह और अन्य नेताओं ने कारखाने में व्याप्त भ्रष्टाचार और आरपीएफ के सिंडिकेट पर गंभीर आरोप लगाए। नेताओं ने कहा कि अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत ने कारखाने को खोखला कर दिया है। वहीं, यूनियन के नेता निजी स्वार्थ के लिए अधिकारियों की चाटुकारिता में लगे हुए हैं।
कारखाने के लिए 16 सूत्रीय मांगें रखी गईं
धरने के बाद संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने जिला पदाधिकारी और मुख्य कारखाना प्रबंधक को 16 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। इसमें प्रमुख मांगे थीं:
जमालपुर कारखाने को निर्माण कारखाने का दर्जा देना।
डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में बदलना।
रेलवे विश्वविद्यालय की स्थापना।
सफियाबाद हॉल्ट और मुख्य अस्पताल का आधुनिकीकरण।
वाई लेग पर स्टेशन का निर्माण।
आरपीएफ अधिकारियों की बर्खास्तगी।
‘अमृत भारत योजना’ पर भी उठे सवाल
धरने में शामिल नेताओं ने केंद्र सरकार की ‘अमृत भारत योजना’ को भी निशाने पर लिया। उन्होंने इसे रेलवे में भ्रष्टाचार और लूट का नया माध्यम करार दिया। नेताओं ने कहा कि जनता की सुविधाओं की उपेक्षा कर योजनाओं का लाभ चंद पूंजीपतियों तक सीमित कर दिया गया है।
सैकड़ों कार्यकर्ता हुए शामिल
धरने में मनोज कुमार मधुकर, मिथलेश यादव, डॉ. कृष्णानंद पासवान, गणेश पोद्दार, सुधीर यादव, अमर शक्ति, चंदन शाह और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग और विभिन्न दलों के कार्यकर्ता भी आंदोलन का हिस्सा बने।
संघर्ष मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया है कि जमालपुर कारखाने की उपेक्षा अब और सहन नहीं की जाएगी। यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं होती है, तो आंदोलन और व्यापक होगा।