शॉर्ट-सेलिंग फर्म का सफर खत्म

न्यूयॉर्क। विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अचानक अपने बंद होने की घोषणा कर दी है। फर्म के संस्थापक नेथ एंडरसन ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनका संगठन अब अपने कार्यकाल को समाप्त कर रहा है।

एंडरसन ने कहा, “हमने जो भी आइडियाज पर काम किया, वे पूरे हो चुके हैं। अब हमने संगठन को बंद करने का निर्णय लिया है। हाल ही में हमने पोंजी मामलों पर अपनी आखिरी रिपोर्ट साझा की थी।”

अडानी समूह पर रिपोर्ट का बड़ा असर
पिछले कुछ वर्षों में, हिंडनबर्ग ने भारतीय अरबपति गौतम अडानी और उनकी कंपनियों के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। 2023 में प्रकाशित इन रिपोर्ट्स ने अडानी समूह की संपत्ति में अरबों डॉलर की गिरावट लाई थी। हालांकि, अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को खारिज किया था।

आश्चर्यजनक फैसला और राजनीतिक जुड़ाव
हिंडनबर्ग का यह फैसला ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राजनीति में भी हलचल है। हाल ही में एक रिपब्लिकन सांसद ने अमेरिकी न्याय विभाग से अडानी समूह के मामलों से जुड़े सभी दस्तावेज संरक्षित करने की मांग की थी। इसके अलावा, यह घोषणा बाइडन प्रशासन के चार साल के कार्यकाल खत्म होने और डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने से कुछ दिन पहले हुई।

संस्थापक ने दिए व्यक्तिगत कारण
एंडरसन ने अपने फैसले को व्यक्तिगत बताते हुए कहा, “अब मुझे खुद से सुकून मिला है। करियर की सफलता के बाद यह अहसास हुआ कि मैंने अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण पल खो दिए। अब मैं अपनी मंगेतर, बच्चे और परिवार के साथ समय बिताना चाहता हूं।”

उन्होंने यह भी कहा कि उनके कुछ टीम सदस्य नई रिसर्च फर्म शुरू करने की योजना बना रहे हैं, जबकि अन्य नई संभावनाओं की तलाश में हैं। एंडरसन ने अपनी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा, “वे सभी प्रतिभाशाली और समर्पित हैं।”

हिंडनबर्ग का प्रभावशाली सफर
हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम शॉर्ट-सेलिंग के क्षेत्र में प्रमुख रहा है। अडानी समूह के खिलाफ रिपोर्ट्स के अलावा, फर्म ने कई अन्य कंपनियों की जांच की और अनियमितताओं को उजागर किया।

अब एंडरसन का कहना है कि वे निवेश के लिए सरल और कम तनावपूर्ण रास्ते अपनाएंगे और अपना ध्यान व्यक्तिगत जीवन पर केंद्रित करेंगे।

विशेषज्ञों की राय
हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह शॉर्ट-सेलिंग की दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकता है। हालांकि, इसके दीर्घकालिक प्रभावों का आकलन अभी बाकी है।

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