बरसात की रात में गूंजा “सारी रात” का मंचन, रिश्तों की गहराई को किया उजागर

पटना, 07 फरवरी। नाट्य संस्था “रेनबो, रोहतास” के तत्वावधान में शुक्रवार को RGB पब्लिक स्कूल, पटना में बहुचर्चित नाटक “सारी रात” का प्रभावी मंचन किया गया। चर्चित नाटककार बादल सरकार द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन निशा कुमारी ने किया, जिसमें रिश्तों की जटिलता, मनोवैज्ञानिक द्वंद्व और जीवन के प्रति नजरिए को बड़े ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया।

नाटक की कहानी:
“सारी रात” एक पति-पत्नी और एक रहस्यमयी वृद्ध की कहानी है, जो बरसात की एक अंधेरी रात में एक पुराने खंडहरनुमा मकान में शरण लेते हैं। यह मकान एक बूढ़े आदमी का है, जो अनिद्रा से जूझ रहा होता है और अपनी ही दुनिया में खोया रहता है। जैसे-जैसे रात बीतती है, पति-पत्नी के बीच के वैचारिक मतभेद उभरकर सामने आते हैं। पति व्यावहारिक सोच का व्यक्ति है, जबकि पत्नी का झुकाव काव्यात्मक और दार्शनिक दृष्टिकोण की ओर है।

नाटक यह संदेश देता है कि जीवन हमें अनगिनत संभावनाएँ प्रदान करता है, लेकिन कई बार हम एक दायरे में सिमटकर रह जाते हैं। यह मंचन दर्शकों को अपने जीवन में ठहराव को तोड़ने, नए अवसरों को अपनाने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।

अभिनय और प्रस्तुति:
नाटक में अजीत कुमार, अनिकेत कुमार और श्रेया राज की अदाकारी ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके संवाद और भाव-भंगिमाओं ने पात्रों की गहराई को बखूबी उभारा। नाटक के प्रभाव को बढ़ाने में संगीत संयोजक विक्की कुमार की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही।

अन्य कलाकारों में राज कपूर, अनिशा कुमारी, रवी कपूर, वैष्णवी कुमारी, मनोज कुमार, पंकज कुमार और बिपिन बिहारी ने भी अपने अभिनय से मंच पर जान डाल दी।

मंचन के दौरान दर्शकों ने भावनात्मक दृश्यों और विचारोत्तेजक संवादों पर खूब तालियाँ बजाईं। निर्देशक निशा कुमारी ने इस नाटक को अपने दृष्टिकोण से जीवंत बनाया, जिससे यह मंचन लंबे समय तक दर्शकों के मन-मस्तिष्क में अंकित रहेगा।

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