पटना,

कलाकुंज रंग महोत्सव 2025 में रंग गुरुकुल रंगमंडल द्वारा सुप्रसिद्ध नाटक ‘मरणोपरांत’ का प्रभावशाली मंचन किया गया। प्रख्यात लेखक सुरेंद्र वर्मा द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन विष्णुदेव कुमार ने किया। नाटक ने मानवीय संवेदनाओं, प्रेम और रिश्तों के अंतर्द्वंद्व को बखूबी मंच पर साकार किया।

दुर्घटना के बाद का द्वंद्व
कहानी की शुरुआत एक युवती की आकस्मिक मौत से होती है। इसके बाद पहली बार युवती का पति और प्रेमी एक-दूसरे से मिलते हैं। पति, मृत पत्नी के पर्स में मिले एक सुराग के ज़रिए प्रेमी तक पहुंचता है और उसे मिलने बुलाता है। मंच पर दोनों पात्रों के बीच संवादों के माध्यम से उस महिला के जीवन के छुपे पहलुओं को दर्शाया गया।

भावनाओं का टकराव
पूरे नाटक में पति और प्रेमी के बीच भावनाओं का टकराव दर्शकों को बांधे रखता है। पति को एहसास होता है कि उसकी पत्नी उससे खुश नहीं थी, जबकि प्रेमी के साथ उसने सच्चा प्रेम अनुभव किया था। मंच पर प्रह्लाद कुमार (पति) और विष्णुदेव कुमार (प्रेमी) ने अपने सशक्त अभिनय से पात्रों की पीड़ा और बेचैनी को जीवंत कर दिया।

कला निर्देशन और तकनीकी संयोजन
नाटक के मंचीय स्वरूप में अविनाश कुमार का संगीत और प्रकाश संयोजन प्रभावशाली रहा। शिवानी कुमारी के प्रोडक्शन मैनेजमेंट ने प्रस्तुति को और भी सुदृढ़ बनाया। कॉस्ट्यूम डिज़ाइन में अनुपमा ने पात्रों की भावनाओं को उभारने में योगदान दिया।

दर्शकों ने की सराहना
नाटक की प्रस्तुति के बाद दर्शकों ने कलाकारों और निर्देशक की भरपूर सराहना की। मंचन में कलाकारों की अभिनय क्षमता, निर्देशन की गहराई और तकनीकी सुदृढ़ता ने नाटक को यादगार बना दिया।

रिपोर्ट: अनिरुद्ध नारायण

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