राहुल गांधी का केंद्र पर तीखा हमला :
जातीय जनगणना और वक्फ संशोधन बिल पर उठाए सवाल
अहमदाबाद, — अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) की अहमदाबाद में आयोजित बैठक में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने न केवल देश की आर्थिक स्थिति को लेकर गंभीर चिंता जताई, बल्कि हाल ही में पारित वक्फ अधिनियम संशोधन को धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया। साथ ही, उन्होंने देशव्यापी जातीय जनगणना की मांग को फिर से प्रमुखता से उठाया।
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक बड़े आर्थिक तूफान की ओर बढ़ रहा है और इसकी ज़िम्मेदारी केंद्र सरकार की विफल नीतियों पर जाती है। उन्होंने अमेरिका के साथ व्यापार तनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाए।
“ट्रंप ने टैक्स लगाया, मोदी खामोश रहे”
उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “पहले मोदी-ट्रंप की तस्वीरें हर जगह होती थीं। लेकिन इस बार अमेरिका दौरे पर कोई गले मिलने की तस्वीर नहीं दिखी। उल्टे अमेरिका ने भारत पर टैक्स लगा दिए और मोदी जी कुछ नहीं बोले। फिर संसद में दो दिन का नाटक कर दिया गया ताकि जनता का ध्यान भटका रहे।”
वक्फ कानून पर जताई आपत्ति
राहुल गांधी ने हाल ही में पारित वक्फ संशोधन अधिनियम को संविधान और अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ मुस्लिमों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके बाद ईसाई और सिख समुदायों को भी निशाना बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, “बीजेपी के मुखपत्र ‘ऑर्गनाइज़र’ में साफ लिखा है कि अब ईसाई जमीनें और फिर सिखों की संपत्ति टारगेट की जाएगी। यह एक सोची-समझी योजना का हिस्सा है।”
जातीय जनगणना की फिर से मांग
राहुल गांधी ने देशभर में जातीय जनगणना लागू करने की मांग दोहराई और कहा कि इससे दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों को उनकी वास्तविक भागीदारी मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासित तेलंगाना में पहले ही ऐसी जनगणना करवाई जा चुकी है।
उन्होंने कहा, “मैंने संसद में प्रधानमंत्री से पूछा कि देश में कौन कितना हिस्सा पा रहा है? लेकिन न प्रधानमंत्री और न ही आरएसएस इसके जवाब देना चाहते हैं। हम संसद में कानून लाकर जातीय जनगणना सुनिश्चित करेंगे।”
आरक्षण की सीमा हटाने की बात
राहुल गांधी ने 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को भी समाप्त करने का सुझाव दिया और कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों को और अधिक समावेशी विकास का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने वादा किया कि कांग्रेस पार्टी इस सीमा को खत्म कर वंचित तबकों को उनका हक दिलाने के लिए संघर्ष करेगी।
नींव से जुड़ने की कोशिश
अहमदाबाद में हुई यह बैठक कांग्रेस पार्टी की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पार्टी फिर से जमीनी कार्यकर्ताओं से जुड़ना चाहती है और आगामी चुनावों के मद्देनज़र जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता पर ला रही है।
राहुल गांधी का यह भाषण सरकार पर तीखे हमले, नीतिगत प्रस्तावों और संविधानिक मूल्यों के प्रति आश्वासन का मेल था, जिससे कांग्रेस ने खुद को बीजेपी के विकल्प के रूप में पेश करने की कोशिश की।