26/11 हमलों का आरोपी तहव्वुर राणा 18 दिन की एनआईए हिरासत में
अमेरिका से प्रत्यर्पित कर दिल्ली लाया गया आरोपी, कड़ी सुरक्षा में एनआईए करेगी पूछताछ
नई दिल्ली,
मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए भीषण आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। शुक्रवार को विशेष एनआईए अदालत ने उसे 18 दिनों की एजेंसी हिरासत में भेज दिया है। तहव्वुर राणा को दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर उतरते ही एनआईए अधिकारियों ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।
पाकिस्तान मूल के कनाडाई नागरिक और पेशे से चिकित्सक रहे 63 वर्षीय राणा को विशेष चार्टर्ड विमान से अमेरिका के लॉस एंजेलेस से भारत लाया गया। हाई सिक्योरिटी में हुआ यह प्रत्यर्पण ऑपरेशन बुधवार को शुरू हुआ था, जिसमें विमान ने रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट में लगभग 11 घंटे का ठहराव भी किया।
कड़ी सुरक्षा में तिहाड़ में रखा गया आरोपी
राणा को तिहाड़ जेल में विशेष सुरक्षा व्यवस्था के तहत रखा गया है। एनआईए मुख्यालय में पूछताछ के लिए विशेष इंटेरोगेशन सेल तैयार किया गया है, जहां केवल 12 वरिष्ठ अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति है। इनमें एनआईए प्रमुख सदानंद डेट, आईजी अशीष बत्रा और डीआईजी जया रॉय प्रमुख हैं।
ईमेल और वित्तीय लेन-देन के सबूत पेश करेगी एजेंसी
एनआईए ने अदालत में दलील दी कि राणा के पास हमले से जुड़ी अहम जानकारियां हो सकती हैं, जिनका खुलासा पूछताछ के दौरान संभव है। एजेंसी के पास राणा और अन्य साजिशकर्ताओं के बीच हुए ईमेल आदान-प्रदान और वित्तीय लेन-देन के ठोस साक्ष्य मौजूद हैं। इसलिए विस्तृत पूछताछ बेहद जरूरी है।
अदालत ने मांगी कानूनी सहायता की जानकारी
गुरुवार देर रात पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान न्यायाधीश ने राणा से पूछा कि वह निजी वकील रखना चाहते हैं या फिर सरकारी कानूनी सहायता लेंगे। अभियोजन पक्ष का नेतृत्व वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन कर रहे हैं, जबकि विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान भी टीम में शामिल हैं।
भारत ने अमेरिका को दिए भरोसे
भारत सरकार ने अमेरिका को आश्वासन दिया है कि तहव्वुर राणा के साथ किसी भी प्रकार का उत्पीड़न नहीं किया जाएगा और उन्हें सिर्फ उन्हीं आरोपों में मुकदमे का सामना करना होगा जो प्रत्यर्पण समझौते में शामिल हैं।
डेविड हेडली का करीबी, लॉजिस्टिक सपोर्ट का आरोप
तहव्वुर राणा को 26/11 हमलों के प्रमुख साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का सहयोगी माना जाता है। हेडली पहले ही अमेरिका में सजा काट रहा है और उसने राणा पर हमले की योजना में लॉजिस्टिक और वित्तीय सहायता देने के आरोप लगाए थे।
तीन दिनों तक चला था मुंबई पर आतंक का कहर
बता दें कि 26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों ने मुंबई के विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों पर हमला कर 166 लोगों की हत्या कर दी थी और सैकड़ों को घायल कर दिया था। इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था।
सरकार की मंशा साफ – जल्द चलेगा मुकदमा
विशेष न्यायाधीश विमल कुमार यादव की अदालत ने राणा के आगमन से पूर्व ही 26/11 केस से जुड़े दस्तावेज मंगवा लिए थे। इससे साफ है कि भारत सरकार इस मामले में अब तेजी से कार्रवाई करने के मूड में है।