पहलगाम में आतंकी कहर: हमलावरों की पहचान, मास्टरमाइंड का पाकिस्तान से कनेक्शन उजागर

श्रीनगर। कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरण घास के मैदान में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने तीन आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी कर दिए हैं। इस हमले में 28 पर्यटकों की दर्दनाक मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं। जांच में सामने आया है कि इस हमले को लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने अंजाम दिया।

जानकारी के मुताबिक, इस नरसंहार के पीछे सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद का हाथ है, जो पाकिस्तान के कराची और मुजफ्फराबाद स्थित सुरक्षित ठिकानों से इस ऑपरेशन का संचालन कर रहा था। सुरक्षा एजेंसियों ने जिन तीन मुख्य हमलावरों की पहचान की है, वे हैं आसिफ फुजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा।

कैसे दिया गया हमले को अंजाम

मंगलवार को हुए इस हमले में पांच से छह आतंकवादी, जो पारंपरिक कुर्ता-पायजामा और सैन्य वर्दी में थे, पास के घने देवदार के जंगलों से अचानक निकलकर आए और निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। हमलावरों के पास AK-47 जैसी सैन्य श्रेणी की राइफलें और उन्नत संचार उपकरण मौजूद थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दो आतंकी पश्तो भाषा में बातचीत कर रहे थे, जिससे उनके पाकिस्तानी मूल के होने की पुष्टि होती है। वहीं, आदिल और आसिफ नामक दो स्थानीय आतंकियों की पहचान भी की गई है, जो क्रमशः बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

हमले की गहरी साजिश का खुलासा

जांच में यह भी सामने आया है कि आतंकवादी शरीर पर कैमरे और हेलमेट में लगे कैमरे पहनकर आए थे, जिससे साफ जाहिर होता है कि वे हमले के दौरान की फुटेज रिकॉर्ड करने की योजना बनाकर आए थे। घटनास्थल से बड़ी मात्रा में सूखे मेवे और जीवन रक्षक दवाइयां बरामद हुई हैं, जो हमले की गहरी तैयारी का संकेत देते हैं।

डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर हमलावरों के पाकिस्तान स्थित सुरक्षित ठिकानों से संपर्क के प्रमाण भी मिले हैं। सूत्रों के अनुसार, स्थानीय नेटवर्क की मदद से हमले से पहले इलाके की गहन रेकी भी की गई थी।

सुरक्षा बलों का बड़ा ऑपरेशन

हमले के बाद सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इलाके में व्यापक सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। जंगलों में छिपे आतंकियों की तलाश के लिए ड्रोन सर्विलांस और थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी आतंकियों को ढूंढ़कर मार गिराने तक अभियान जारी रहेगा।

यह हमला कश्मीर घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला माना जा रहा है।

 

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