स्व. कुंदन सिन्हा की याद में सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा
विद्या भारती के समर्पित कार्यकर्ता रहे सिन्हा को दी गई भावभीनी विदाई
जमालपुर। सरस्वती विद्या मंदिर, दौलतपुर में शनिवार को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय के पूर्व सचिव एवं विद्या भारती परिवार के समर्पित कार्यकर्ता स्वर्गीय कुंदन कुमार सिन्हा को श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। विद्या भारती से जुड़े विभिन्न पदाधिकारियों, शिक्षकों, छात्रों एवं समाजसेवियों ने उनकी पुण्य स्मृति में उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी।
श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत दो मिनट के मौन के साथ हुई। इसके बाद दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई एवं पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने स्व. सिन्हा के जीवन, कार्य और समाज के प्रति उनके योगदान को स्मरण किया।
विद्या भारती के राष्ट्रीय मंत्री डॉ. कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि बैंक की सेवा के साथ-साथ श्री सिन्हा ने शिक्षा क्षेत्र में अद्भुत योगदान दिया। विद्यालय के निर्माण और विकास में उनकी भूमिका अनुकरणीय रही है। उनका समर्पण भाव हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव चंद्रशेखर खेतान ने उन्हें एक सहज, मृदुभाषी और कर्मनिष्ठ व्यक्तित्व बताया। उन्होंने कहा कि विद्यालय की नींव मजबूत करने में सिन्हा जी की मेहनत और दूरदृष्टि सदैव याद की जाएगी।
कोषाध्यक्ष सुधीर सिंह ने कहा कि स्व. सिन्हा में नेतृत्व की विशिष्ट क्षमता थी। वे सभी को एक साथ जोड़कर चलते थे और उनका व्यवहार अत्यंत मैत्रीपूर्ण था।
आचार्य संजय कुमार ठाकुर ने भावुक होते हुए कहा कि बच्चे उन्हें ‘मंत्री आचार्य जी’ के नाम से पुकारते थे। उन्होंने 1995 से विद्या भारती से जुड़कर कई अहम दायित्वों का निर्वहन किया। अब वे भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कार्यशैली और सिद्धांत हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहेंगे।
कार्यक्रम में विद्या भारती के पदाधिकारी बीरेंद्र मंडल, डॉ. बच्चन सिंह, रतन घोष, शोभा निशू, समाजसेवी शंकर सिंह, जिला निरीक्षक सतीश कुमार सिंह, सेवा प्रमुख गंगा चौधरी, प्रधानाचार्य छठु साह, उपप्रधानाचार्य संतोष कुमार समेत विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सभी ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना की और उनके आदर्शों को जीवन में उतारने का संकल्प लिया।
विद्यालय प्रांगण में आयोजित यह शोक सभा न केवल एक श्रद्धांजलि का अवसर बनी, बल्कि स्व. कुंदन कुमार सिन्हा के सेवा भाव और शिक्षा क्षेत्र में योगदान को भावी पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत कर गई।