राजमहल रेलवे स्टेशन का कायाकल्प: आधुनिक सुविधाओं के संग दिखेगी सांस्कृतिक विरासत की छाप
प्रधानमंत्री 22 मई को करेंगे नवनिर्मित स्टेशन का उद्घाटन, 7 करोड़ से अधिक की लागत से पूरा हुआ कार्य

टंडवा/राजमहल, 20 मई (संवाददाता)
झारखंड के ऐतिहासिक शहर राजमहल में स्थित रेलवे स्टेशन अब एक नए स्वरूप में नजर आने को तैयार है। अमृत भारत स्टेशन योजना के अंतर्गत इस स्टेशन का व्यापक रूप से आधुनिकीकरण किया गया है। ₹7.03 करोड़ की लागत से हुए इस पुनर्विकास कार्य में न केवल यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखा गया है, बल्कि क्षेत्र की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को भी सुंदरता के साथ उकेरा गया है।

राजमहल रेलवे स्टेशन, जो पूर्व रेलवे के मालदा मंडल के अंतर्गत आता है और एनएसजी-5 श्रेणी में शामिल है, अब एक आधुनिक ट्रांजिट हब के रूप में उभरकर सामने आया है। यह परियोजना चरणबद्ध रूप से पूर्ण की गई है और अब इसका उद्घाटन 22 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा।

स्टेशन को मिला नया कलेवर, यात्रियों को मिलेंगी ये सुविधाएं:
पुनर्विकसित राजमहल स्टेशन में आकर्षक फसाड के साथ अग्रभाग को नया रूप दिया गया है, जो रात में विशेष प्रकाश व्यवस्था से दमकता है। सर्कुलेटिंग एरिया और पैदल मार्गों का चौड़ीकरण किया गया है ताकि भीड़भाड़ कम हो सके और यात्रियों की आवाजाही सहज हो।

स्टेशन के दोनों प्लेटफार्मों को लंबी ट्रेनों के लिए अनुकूल बनाया गया है। नए प्रतीक्षालय, एग्जीक्यूटिव लाउंज, महिला विश्रामालय और दिव्यांगजन के लिए अनुकूल शौचालयों का निर्माण किया गया है। साथ ही, स्टेशन परिसर में स्थानीय कला, शिल्प और ऐतिहासिक स्मारकों से प्रेरित सजावट की गई है, जो यात्रियों को क्षेत्रीय पहचान से जोड़ती है।

तकनीकी उन्नयन की झलक भी मौजूद:
स्टेशन पर इनडोर वीडियो वॉल लगाई गई है, जो यात्रियों को ट्रेनों की अद्यतन जानकारी देगी। साइनेज व्यवस्था को भी दुरुस्त किया गया है ताकि नेविगेशन सुगम हो। संचार, विद्युत, सिग्नल एवं दूरसंचार कार्यों को भी आधुनिक तकनीक से सम्पन्न किया गया है।

आर्थिक और सांस्कृतिक विकास का बनेगा माध्यम:
पूर्व रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, यह स्टेशन न केवल यात्री अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय व्यापार को भी नई रफ्तार देगा। राजमहल का ऐतिहासिक महत्व अब स्टेशन के हर कोने में झलकता नजर आएगा।

रेलवे मंत्रालय की ‘अमृत भारत स्टेशन योजना’ के अंतर्गत यह कायाकल्प एक मॉडल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे देशभर के अन्य स्टेशनों को भी प्रेरणा मिलेगी।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *