“दो अहम शख्सियतों की टकराहट: ट्रंप और मस्क के रिश्तों में आई दरार!”

वाशिंगटन/न्यूयॉर्क, जून 8:
अमेरिकी राजनीति और व्यापार जगत के दो सबसे चर्चित चेहरों — पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला प्रमुख एलन मस्क — के बीच संबंधों में आई खटास अब खुलकर सामने आ गई है। एक समय Oval Office की तस्वीरों में दोस्ती और रणनीतिक सलाहकार जैसे नजर आने वाले ये दोनों अब एक-दूसरे पर शब्दों के तीर चला रहे हैं।

कभी ‘गवर्नमेंट एफिशिएंसी’ विभाग के सलाहकार के रूप में ट्रंप के करीबी माने जाने वाले मस्क आज ट्रंप के ‘बड़े, खूबसूरत बजट बिल’ को “घृणित और भ्रष्ट” करार दे रहे हैं। वहीं ट्रंप भी पीछे नहीं हैं — उन्होंने मस्क को “पागल” बताया और उनके साम्राज्य से सरकारी अनुबंध छीनने की चेतावनी तक दे डाली।


71% मुनाफे की गिरावट और शेयरों की चोट

विश्लेषकों का मानना है कि टकराव की जड़ टेस्ला के वित्तीय संकट से जुड़ी है। बीते तिमाही में कंपनी का मुनाफा 71 प्रतिशत गिरा, जिससे मस्क की छवि और निवेशकों का भरोसा दोनों प्रभावित हुए। इसके बाद टेस्ला के कई शोरूम पर हमले और शेयर बाजार में गिरावट ने मामले को और गंभीर बना दिया।

हालांकि कुछ राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, असली विवाद उस समय शुरू हुआ जब ट्रंप ने चीन से संभावित युद्ध को लेकर पेंटागन की गोपनीय रणनीतियाँ मस्क को दिखाने से इनकार कर दिया। व्हाइट हाउस के पूर्व रणनीतिकार स्टीव बैनन के अनुसार, “वहीं से सब कुछ बदल गया।”


नरसंहार नहीं, नार्सिसिज़्म है असली जड़

विभिन्न मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोणों से विश्लेषण करें तो यह टकराव दो अत्यधिक नर्सिसिस्टिक व्यक्तित्वों के बीच का टकराव है। दोनों ही शख्सियतें खुद को श्रेष्ठ मानती हैं, और यह ‘बॉस बनाम बॉस’ की लड़ाई आखिरकार सार्वजनिक मंच पर आ ही गई।

एलन मस्क सार्वजनिक धारणा को बारीकी से समझने वाले व्यक्ति हैं। ट्विटर (अब X) के अधिग्रहण के बाद उन्होंने जनमत को प्रभावित करने का एक विशाल मंच अपने नियंत्रण में ले लिया है। अब जब ट्रंप का ‘बजट बिल’ सामने आया, मस्क ने उसे खारिज करते हुए खुद को फिर से ‘सिस्टम से अलग लेकिन श्रेष्ठ विचारक’ के तौर पर पेश किया।


घृणा, तिरस्कार और बदले की भावना

मनोवैज्ञानिक बताते हैं कि मस्क की नाराज़गी महज़ आर्थिक या वैचारिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत है। ट्रंप की ओर से मिली अनदेखी ने उनके आत्मसम्मान को चोट पहुंचाई, जिसे मस्क अब सार्वजनिक असहमति के ज़रिये जवाब दे रहे हैं।

एक मनोवैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को धोखा महसूस होता है तो उसके दिमाग के रिवॉर्ड सेंटर में बदले की भावना सक्रिय हो जाती है। ऐसे में बदला लेने का उद्देश्य सही को स्थापित करना नहीं, बल्कि खुद को बेहतर महसूस कराना होता है।

मस्क द्वारा ट्रंप को तिरस्कार और घृणा के मिले-जुले संकेत देना इस बात का इशारा है कि रिश्ते अब मरम्मत के कगार से बहुत आगे निकल चुके हैं।


अब आगे क्या?

इस राजनीतिक और व्यवसायिक ब्रेकअप के नतीजे दूरगामी हो सकते हैं। जहां ट्रंप आगामी राष्ट्रपति चुनावों में व्यस्त हैं, वहीं मस्क तकनीकी नवाचार और रक्षा परियोजनाओं में सरकार की भूमिका को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिश में लगे हैं।

इस टकराव में जीत किसकी होगी — सबसे ताकतवर राजनेता की या सबसे अमीर नवप्रवर्तक की — यह आने वाला वक्त बताएगा।


अमर शर्मा

अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक मामलों के संवाददाता

TWM News

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