कातिल है कौन?
यह एक साधारण सी शादी की कहानी थी। 11 मई को सोनम और राजा रघुवंशी ने सात फेरे लिए। इंदौर के इस नवविवाहित जोड़े ने हनीमून पर जाने का फैसला किया – जगह थी मेघालय, प्रकृति की गोद में बसा एक रमणीय प्रदेश। लेकिन किसे पता था कि ये यात्रा प्रेम की नहीं, मौत की मंज़िल बनेगी।
20 मई को दोनों गुवाहाटी होते हुए मेघालय के ईस्ट खासी हिल्स जिले में पहुंचे। 23 मई को मंदिर दर्शन के बाद चेरापूंजी के ओसारा हिल्स तक का सफर किया। और उसी दिन, अचानक – गायब हो गए।
फोन बंद। कोई संपर्क नहीं।
24 और 25 मई को घरवालों ने बार-बार कॉल किए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
26 मई को इंदौर और भोपाल से परिजन शिलांग पहुंचे। मामले ने मीडिया में हलचल मचाई, देश भर में खबरें फैल गईं।
28 मई को पुलिस को होमस्टे से कपड़े और बैग मिले।
31 मई को स्कूटी की जीपीएस लोकेशन खंगाली गई – लेकिन कुछ नहीं मिला।
और फिर, 2 जून की वो दोपहर – जब एक खाई से राजा की सड़ी-गली लाश मिली, 150 फीट नीचे। कुल्हाड़ी से चीर दिया गया था उसका मासूम शरीर।
लेकिन एक सवाल अब भी हवा में तैर रहा था – सोनम कहां है?
शक की सूइयाँ इधर-उधर घूम रही थीं –
क्या आदिवासियों ने हमला किया?
क्या वह बांग्लादेश तस्करी कर दी गई?
या क्या किसी ने दोनों को मार कर शव गायब कर दिए?
पर जब पुलिस ने सोनम को उत्तर प्रदेश के गाज़ीपुर में गिरफ्तार किया – सारा मामला उलट गया। और साथ में गिरफ्तार हुए तीन युवक – वही, जिन्होंने राजा की हत्या की थी।
चौंकाने वाली बात यह थी कि सोनम न सिर्फ जिंदा थी, बल्कि इस हत्याकांड की मास्टरमाइंड भी निकली।
सारा हनीमून ट्रिप उसका आइडिया था।
राजा को ओसारा हिल्स के वीराने में ले जाकर, पहले से मौजूद तीन साथियों के साथ मिलकर उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
फिर सीन इस तरह रचा गया कि लगे, सोनम भी गायब हो गई – ताकि शक से बचा जा सके।
अब मेघालय के डीजीपी भी कह चुके हैं – “सोनम ने ही अपने पति की हत्या करवाई।”
जांच बताती है – सोनम पहले से किसी और से प्रेम करती थी। यह शादी उसकी मर्ज़ी के खिलाफ हुई थी। और उसने अपने प्रेम को बचाने के लिए अपने पति को खत्म करने की साज़िश रची।
शादी के महज 12 दिन बाद ऐसा खौफनाक मोड़ – क्या इसे सिर्फ हत्या कहें?
या एक सोची-समझी, बर्फ-सी ठंडी साज़िश?
पति ने साथ जीने की कसमें खाईं थीं, लेकिन पत्नी ने मौत की स्क्रिप्ट लिखी थी।
यह खबर नहीं, एक थ्रिलर है।
यह रिपोर्ट नहीं, एक इंसानी रिश्ते के अंत की दस्तान है।
यह हमें झकझोरता है –
कातिल है कौन?
क्या सिर्फ वो हाथ, जिसने कुल्हाड़ी चलाई?
या वो दिल, जो पहले से किसी और के नाम था?
या वो दिमाग, जिसने पूरी प्लानिंग की?
सवाल कई हैं। जवाब सबके पास है।
लेकिन शायद, डर के मारे कोई बोल नहीं रहा।
— अमर शर्मा