रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत पर हमला: बांग्लादेश में रवींद्र काछारिबाड़ी में तोड़फोड़, भारत ने जताई कड़ी आपत्ति
✍🏻 TWM News रिपोर्ट | शाहजादपुर (बांग्लादेश)

शाहजादपुर (बांग्लादेश): नोबेल पुरस्कार विजेता और विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर की ऐतिहासिक काछारिबाड़ी हवेली पर मंगलवार को भीड़ ने हमला कर दिया। यह ऐतिहासिक स्थल बांग्लादेश के सिराजगंज ज़िले के शाहजादपुर उपजिला में स्थित है, जिसे अब एक संग्रहालय के रूप में संरक्षित किया गया था। इस घटना ने भारत में राजनीतिक और सांस्कृतिक हलकों में आक्रोश फैला दिया है।

क्या हुआ घटना के दिन?
सूत्रों के अनुसार, हमलावरों ने संग्रहालय के ऑडिटोरियम, खिड़कियों, दरवाज़ों और फर्नीचर को निशाना बनाया। घटना के दौरान संग्रहालय के निदेशक पर भी हमला हुआ। भीड़ ने उग्र होकर परिसर को गंभीर क्षति पहुँचाई, जिससे सरकार को इसे तत्काल बंद करना पड़ा।

विवाद की जड़ में क्या था?
घटना की पृष्ठभूमि में रविवार (8 जून) को संग्रहालय कर्मियों और एक प्रवासी बांग्लादेशी नागरिक शाह निवाज़ के बीच हुआ विवाद बताया जा रहा है। निवाज़ अपने परिवार संग संग्रहालय घूमने पहुँचे थे। उन्होंने प्रवेश शुल्क और पार्किंग का भुगतान किया था, पर रसीद नहीं दी गई। जब इसपर सवाल उठाया गया तो गेट पर हाथापाई शुरू हो गई। आरोप है कि उन्हें कार्यालय में बंद कर पीटा गया।

स्थानीय आक्रोश और राजनीति
घटना के बाद स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें मानवीय श्रृंखला (ह्यूमन चेन) भी बनाई गई। स्थानीय BNP नेताओं ने निवाज़ को छुड़ाया और जनाक्रोश भड़क उठा, जो अंततः हिंसक रूप में सामने आया।

संग्रहालय बंद, जांच शुरू
बांग्लादेश पुरातत्व विभाग ने संग्रहालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया है और तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो पाँच कार्यदिवस में रिपोर्ट सौंपेगी। बुधवार (11 जून) को 50–60 अज्ञात व 10 नामजद लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

भारत की तीखी प्रतिक्रिया
भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता और सांसद डॉ. संबित पात्रा ने इसे “पूर्वनियोजित हमला” बताते हुए बांग्लादेश की यूनुस सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया। उन्होंने इस हमले के पीछे कट्टरपंथी संगठनों जैसे जमाते-इस्लामी और हिफाजत-ए-इस्लाम का हाथ बताया।

“यह सिर्फ एक इमारत पर हमला नहीं है, बल्कि रवींद्रनाथ टैगोर की विरासत और हमारी सांस्कृतिक धरोहर पर हमला है,” – डॉ. संबित पात्रा

BJP ने भारत सरकार से अपील की है कि वह इस मुद्दे को राजनयिक स्तर पर बांग्लादेश सरकार के सामने मजबूती से उठाए।

क्यों महत्वपूर्ण है रवींद्र काछारिबाड़ी?
रवींद्र काछारिबाड़ी का निर्माण टैगोर के पिता देवेंद्रनाथ टैगोर द्वारा कराया गया था। यही वह स्थान था जहाँ टैगोर ने कई नाटकों और काव्य रचनाओं की रचना की थी। यह स्थल साहित्य और इतिहास दोनों दृष्टियों से अनमोल है।

फिलहाल स्थिति पर निगरानी जारी
संग्रहालय के संरक्षक मोहम्मद हबीबुर रहमान ने पुष्टि की कि “अनिवार्य कारणों” से संग्रहालय बंद कर दिया गया है। प्रशासन ने स्थिति पर निगरानी रखने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है

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