पूर्वी रेलवे ने अपनाया तकनीकी नवाचार
जमालपुर डीजल शेड को मिला हाई वैक्यूम ट्रांसफॉर्मर ऑयल प्यूरीफिकेशन प्लांट
रखरखाव कार्य में तेजी, प्रति लोको ₹3 लाख की होगी बचत

संवाददाता, जमालपुर | 13 जून 2025

पूर्वी रेलवे के मालदा मंडल अंतर्गत जमालपुर डीजल शेड में शुक्रवार को लोकोमोटिव रखरखाव की दिशा में एक बड़ा तकनीकी कदम उठाते हुए 3000 लीटर प्रति घंटे (एलपीएच) की क्षमता वाले हाई वैक्यूम टाइप ट्रांसफॉर्मर ऑयल प्यूरीफिकेशन प्लांट का उद्घाटन किया गया। यह आधुनिक मशीन उत्तर पश्चिमी रेलवे के आबू रोड डीजल शेड से स्थानांतरित कर प्राप्त की गई है।

इस प्लांट के लगने से इलेक्ट्रिक इंजनों के रखरखाव में उपयोग होने वाले ट्रांसफॉर्मर ऑयल के शोधन की प्रक्रिया अब अधिक तीव्र और कुशल हो सकेगी। पहले जहां शेड में 1000 एलपीएच की पुरानी मशीन का उपयोग होता था, वहीं अब इस नई मशीन के आने से शोधन की गति तीन गुना हो गई है। इससे न केवल समय की बचत होगी बल्कि इंजनों के डाउनटाइम में भी स्पष्ट कमी आएगी।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, प्रत्येक इंजन के प्रमुख रखरखाव कार्यक्रम — टीओएच (Thorough Overhauling) और आईओएच (Intermediate Overhauling) — के दौरान एक पूरा दिन बचाया जा सकेगा। इससे डीजल शेड की शेड्यूलिंग प्रणाली अधिक प्रभावी हो सकेगी और कम जनशक्ति में ज्यादा उत्पादन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

वित्तीय लाभ भी महत्वपूर्ण
नया ऑयल फिल्टरेशन प्लांट न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी यह अत्यंत लाभकारी साबित होगा। अनुमान के अनुसार, प्रत्येक लोकोमोटिव की जल्दी तैनाती से लगभग ₹3 लाख की प्रत्यक्ष वित्तीय बचत होगी। ₹13.90 लाख की लागत से स्थापित इस संयंत्र की लागत महज 4–5 इंजनों की सर्विसिंग के भीतर ही वसूल हो जाने की संभावना है।

पूर्वी रेलवे की आधुनिकीकरण की दिशा में अग्रसरता
पूर्व रेलवे द्वारा की गई यह पहल उसके आधुनिकीकरण, लागत दक्षता और समयबद्ध सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जमालपुर डीजल शेड पहले से ही इंजनों के रखरखाव में अग्रणी रहा है और अब इस नई तकनीक से उसे और गति मिलेगी।

रेल प्रशासन ने आशा जताई है कि इस तरह की आधुनिक सुविधाएं भविष्य में रेलवे के रखरखाव तंत्र को और अधिक सशक्त बनाएंगी, जिससे ट्रेन संचालन और इंजनों की सेवा-उपलब्धता में उल्लेखनीय सुधार होगा।

 

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