आरक्षण को लेकर वीआईपी का हुंकार: ‘है हक हमारा आरक्षण’ गीत से दिखाई संघर्ष की राह

बिहार की सियासी सरगर्मी के बीच विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले अपने समाजिक एजेंडे को धार देते हुए नया थीम सॉन्ग ‘है हक हमारा आरक्षण’ लॉन्च किया। इस अवसर पर पटना में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें पार्टी प्रमुख और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने इस गीत को जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हुए इसे “संघर्ष की आवाज़” करार दिया।

इस गीत के ज़रिए वीआईपी ने सामाजिक न्याय, पिछड़े वर्गों के अधिकार और विशेष रूप से निषाद समाज के आरक्षण की मांग को फिर से मुखर किया है। गीत में पार्टी की 12 वर्षों की संघर्ष यात्रा को संगीतमय अंदाज़ में दर्शाया गया है।

आरक्षण के लिए निर्णायक मोड़ पर लड़ाई: सहनी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा, “यह सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि समाज के अधिकारों के लिए चल रही हमारी लड़ाई की आवाज़ है। हमने जातीय जनगणना की लड़ाई लड़ी और अब आरक्षण की 50% सीमा तोड़ने की तैयारी है।” उन्होंने स्पष्ट कहा कि, “जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी भागीदारी” की भावना के साथ वीआईपी अब निर्णायक आंदोलन की ओर बढ़ रही है।

सहनी ने कहा कि उन्होंने मुंबई की चकाचौंध छोड़कर राजनीति में कदम समाज के लिए रखा, न कि पद के लिए। “मैं तब तक लड़ता रहूंगा जब तक निषाद समाज को आरक्षण नहीं मिल जाता,” उन्होंने जोश के साथ कहा। साथ ही एनडीए को चेताया कि यदि निषादों को आरक्षण नहीं मिला तो सत्ता से बेदखली के लिए तैयार रहें।

डॉ. एस.के. सैनी हुए वीआईपी में शामिल

इस कार्यक्रम की एक और बड़ी घोषणा रही समाजसेवी डॉ. एस.के. सैनी का वीआईपी में औपचारिक प्रवेश। सहनी ने उन्हें “अतिपिछड़े समाज का कोहिनूर” बताते हुए कहा कि पार्टी ऐसे अनुभवी और समर्पित सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर ही आगे बढ़ेगी।

TWM न्यूज, 

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