दसकों से मंदिर की सेवा में लगे थे मृतक तरुण चंद्र दास

नाटोर (बांग्लादेश) – बांग्लादेश के नाटोर जिले में स्थित एक काली मंदिर के प्रबंधक तरुण चंद्र दास (55) की हत्या का मामला सामने आया है। शनिवार सुबह मंदिर परिसर में उनका शव मिला। उनके हाथ और पैर बंधे हुए थे। इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है।

लूटपाट का मामला बताने पर विवाद
स्थानीय पुलिस ने इसे सांप्रदायिक हमला मानने से इनकार करते हुए इसे लूटपाट का मामला बताया है। पुलिस का कहना है कि डकैतों ने मंदिर में घुसकर दानपेटी और अन्य कीमती सामान लूटने के उद्देश्य से इस घटना को अंजाम दिया।

मंदिर परिसर में तोड़फोड़ और चोरी
भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, दास मंदिर के पास स्थित श्मशान भूमि के नजदीक रहते थे। जांच में पाया गया कि मंदिर की दानपेटी और भंडार कक्ष के ताले तोड़े गए थे। मंदिर की खिड़कियों की ग्रिल को भी काटा गया था। दानपेटी से नकदी और पीतल के बर्तन गायब पाए गए।

तड़प-तड़प कर हुई हत्या
जांच अधिकारी ने बताया कि दास के शरीर पर कई गंभीर चोटों के निशान हैं, जिससे संकेत मिलता है कि हत्या से पहले उन्हें काफी प्रताड़ित किया गया।

23 वर्षों से मंदिर की सेवा में थे दास
श्मशान समिति के महासचिव सत्य नारायण रॉय ने बताया कि तरुण चंद्र दास पिछले 23 वर्षों से मंदिर के प्रबंधन का कार्य संभाल रहे थे। शनिवार सुबह समिति के सदस्यों ने उनका शव देखा और पुलिस को सूचना दी।

बांग्लादेश सरकार पर उठे सवाल
कोलकाता इस्कॉन के प्रवक्ता राधारमण दास ने बांग्लादेश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार इस जघन्य हत्या को मात्र लूटपाट का मामला बताकर उसकी गंभीरता को कम कर रही है। उन्होंने इस घटना को हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के मुद्दे से जोड़ते हुए इसे गंभीरता से जांचने की मांग की।

 

 

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