भोपाल में मुस्लिम महिलाओं ने वक़्फ़ संशोधन विधेयक का किया समर्थन
भोपाल। वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक को लेकर भोपाल की मुस्लिम महिलाओं ने इसका समर्थन जताया है। यह विधेयक आज संसद में चर्चा के लिए पेश किया जाएगा। भाजपा द्वारा समर्थित इस विधेयक का उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों के प्रबंधन को आधुनिक बनाना है। हालांकि, विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाए हैं और इसे समुदाय विशेष पर प्रभाव डालने वाला बताया है।
गरीब और पिछड़े मुस्लिमों को होगा लाभ: भाजपा सांसद
संशोधन विधेयक को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की अध्यक्षता करने वाले भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि यह विधेयक विशेष रूप से गरीब और पिछड़े (पसमांदा) मुस्लिमों के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने कहा, “हमारी मेहनत रंग लाई है… सरकार आज संशोधित विधेयक को लेकर आ रही है। यह निश्चित रूप से ऐतिहासिक दिन है। इस विधेयक के पारित होने से गरीब और पसमांदा मुस्लिमों को लाभ मिलेगा।”
पाल ने यह भी कहा कि पिछले छह महीनों में इस विधेयक पर विस्तार से चर्चा हुई है और विपक्ष की चिंताओं को सुना गया है। उन्होंने बताया कि विभिन्न राज्यों के हितधारकों के साथ बातचीत कर विधेयक को अंतिम रूप दिया गया।
विपक्ष ने जताई आपत्ति, कांग्रेस ने उठाए सवाल
विधेयक को लेकर विपक्षी दलों में विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। कांग्रेस सांसद किरण कुमार चमाला ने कहा कि अगर विधेयक किसी विशेष समुदाय के लिए हानिकारक हुआ, तो वे इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, “अगर इसमें कुछ ऐसा हुआ जिससे किसी समुदाय को नुकसान पहुंचे या उसे अस्थिर करने की कोशिश हो, तो हम इसका विरोध करेंगे। सरकार ने हमें आज चर्चा के लिए आठ घंटे दिए हैं। हमारी मांग है कि चर्चा के दौरान उठाए गए मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीके से सुना जाए।”
भाजपा नेता ने बताया ‘सबसे बड़ी ईदी’
भाजपा नेता मोहसिन रजा ने इस विधेयक का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और इसे पिछड़े मुस्लिमों के लिए ‘सबसे बड़ी ईदी’ करार दिया। उन्होंने कहा, “देश के सभी पिछड़े और वंचित मुस्लिम भाई-बहनों की ओर से मैं प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा करता हूं। यह वक़्फ़ संशोधन विधेयक उनके लिए सबसे बड़ी ‘ईदी’ साबित होगा।”
विधेयक में क्या हैं प्रमुख बदलाव?
यह विधेयक पहली बार पिछले साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा गया था, जिसकी अध्यक्षता जगदंबिका पाल ने की थी। अब इसे पुनः विचार के लिए सदन में लाया जा रहा है। इसका उद्देश्य वक़्फ़ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन को आधुनिक बनाना है।
प्रस्तावित संशोधनों में वक़्फ़ अधिनियम का नाम बदलना, वक़्फ़ संपत्तियों की परिभाषा को स्पष्ट करना, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना और रिकॉर्ड प्रबंधन के लिए तकनीकी साधनों को शामिल करना प्रमुख रूप से शामिल है।
संख्या बल रहेगा निर्णायक
इस विधेयक को पारित कराने के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपने सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। ऐसे में यह विधेयक संख्या बल के आधार पर पारित होने की अधिक संभावना है, बजाय इसके कि इसे आम सहमति से पारित किया जाए।