सुपौल

नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश से बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सुपौल के कोसी बराज पर पानी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे इंडो-नेपाल रोड बंद कर दी गई है। बराज से करीब 5 लाख 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में खतरा और बढ़ गया है। प्रशासन ने सभी 56 फाटक खोल दिए हैं ताकि पानी का दबाव कम किया जा सके।

कोसी के अलावा, गंडक नदी भी उफान पर है, जहां नेपाल से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। इस कारण गंडक बराज के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। कटिहार, पूर्णिया, मधेपुरा, और मधुबनी जिलों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ने की आशंका जताई गई है। मधुबनी जिले में कमला नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत का माहौल है।

नदी में बहकर आ रहीं कीमती लकड़ियां, खतरे के बावजूद लोग कर रहे जान जोखिम में
गंडक और कमला नदी के किनारे बसे लोग बाढ़ के खतरे के बावजूद जान जोखिम में डाल रहे हैं। बहाव के साथ बहकर आ रही कीमती लकड़ियों और मछलियों को पकड़ने के लिए लोग पानी में कूदने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। प्रशासन ने बार-बार चेतावनी दी है कि लोग नदी के किनारे जाने से बचें, लेकिन नावों के जरिए कई इलाकों में अवैध गतिविधियां चल रही हैं।

हाई अलर्ट जारी, प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के दिए निर्देश
मधुबनी और आसपास के क्षेत्रों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। जिला प्रशासन ने लोगों से ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है। मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि सभी तटबंधों की निगरानी की जा रही है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन पूरी तरह तैयार है। अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है, जबकि प्रभावित इलाकों में अस्थायी शिविरों की व्यवस्था की गई है ताकि विस्थापित लोग वहां शरण ले सकें।

कमला बराज का निर्माण कार्य भी जलस्तर के बढ़ने से बाधित हो गया है। तटबंधों की मजबूती और सुरक्षा के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारी लगातार निरीक्षण कर रहे हैं।

स्थानीय निवासियों में 2019 की बाढ़ की पुनरावृत्ति का भय
स्थानीय लोगों के बीच 2019 की प्रलयकारी बाढ़ की यादें ताजा हो गई हैं, जब कई गांव जलमग्न हो गए थे और लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ा था। इस बार भी लोगों को आशंका है कि अगर जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो स्थिति गंभीर हो सकती है।

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