पटना। बिहार में हुए चार विधानसभा उपचुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने शानदार प्रदर्शन करते हुए सभी सीटों पर जीत दर्ज की। ये सीटें इमामगंज, रामगढ़, तरारी और बेलागंज थीं। इस जीत ने न केवल एनडीए को मजबूती दी, बल्कि आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों के लिए उसकी रणनीति को भी धार दी।
सबसे अहम जीत बेलागंज में रही, जहां जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की उम्मीदवार मनोरमा देवी ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के विश्वनाथ कुमार सिंह को 21,000 से अधिक मतों से हराया। यह सीट आरजेडी का गढ़ मानी जाती थी, जहां 1990 के दशक से पार्टी का कब्जा था।
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा, “बिहार की जनता ने नकारात्मक राजनीति को खारिज कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपना भरोसा जताया है। एनडीए 2025 में 243 सीटों में से 200 से अधिक सीटें जीतेगा।”
तरारी में भाजपा उम्मीदवार विशाल प्रशांत ने भाकपा (माले) के राजू यादव को 10,000 से अधिक मतों से हराकर बड़ा उलटफेर किया। विशाल प्रशांत पूर्व जदयू नेता सुनील पांडेय के पुत्र हैं। इमामगंज में एनडीए की दीपकुमारी, जो केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू हैं, ने आरजेडी के रौशन कुमार को 6,000 मतों के मामूली अंतर से पराजित किया।
रामगढ़ में भी आरजेडी को झटका लगा, जहां पार्टी के उम्मीदवार अजीत सिंह तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा के अशोक कुमार सिंह ने यहां जीत दर्ज की।
जन सुराज की चुनौती कमजोर
चुनावों में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज की चुनौती कमजोर साबित हुई। रामगढ़ और तरारी में पार्टी के उम्मीदवारों को चार प्रतिशत से भी कम वोट मिले। हालांकि, इमामगंज में जन सुराज के जितेंद्र पासवान ने तीसरा स्थान हासिल करते हुए 20 प्रतिशत वोट बटोरे।
आरजेडी के लिए यह परिणाम बड़ा झटका है, विशेषकर बेलागंज और रामगढ़ में, जहां पार्टी लंबे समय से मजबूत मानी जाती थी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए यह हार एक गंभीर संदेश है।
एनडीए की यह जीत बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में सत्ता समीकरणों को और मजबूत करती है। अब नजरें 2025 के विधानसभा चुनावों पर हैं, जहां एनडीए ने 200 सीटों से अधिक जीतने का लक्ष्य रखा है।
रिपोर्ट: शिवांशु सिंह