पर्थ: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में शुक्रवार को भारत के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन कर टीम को मुकाबले में वापस ला दिया। पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेले जा रहे इस मैच में 70 साल बाद पहली बार ऑस्ट्रेलियाई धरती पर एक टेस्ट मैच के दिन में 17 विकेट गिरे।

स्टैंड-इन कप्तान जसप्रीत बुमराह ने ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी क्रम को तहस-नहस करते हुए 67/7 पर समेट दिया। भारतीय गेंदबाजों की कसी हुई गेंदबाजी ने कम स्कोर वाले मैच को भी रोमांचक बना दिया।

भारत का कमजोर बल्लेबाजी प्रदर्शन

भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का साहसिक फैसला लिया, लेकिन पिच पर मौजूद घास और उछाल ने बल्लेबाजों को परेशान कर दिया। युवा बल्लेबाज नितीश रेड्डी (41) और ऋषभ पंत (37) की सूझबूझ भरी पारियों की बदौलत भारत ने 49.4 ओवर में 150 रन बनाए।

ऑस्ट्रेलिया के जोश हेजलवुड (4/29), मिचेल स्टार्क (2/14), पैट कमिंस (2/67) और मिचेल मार्श (2/12) ने भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा।

ऑस्ट्रेलियाई पारी पर बुमराह का कहर

जब ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाजी करने उतरी, तो बुमराह (4/17) की धारदार गेंदबाजी के सामने उनकी बल्लेबाजी बिखर गई। मोहम्मद सिराज (2/17) और डेब्यू कर रहे हर्षित राणा (1/33) ने बुमराह का बेहतरीन साथ दिया।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस सहित स्टीव स्मिथ (0), उस्मान ख्वाजा (8) और नाथन मैकस्विनी (10) जैसे प्रमुख बल्लेबाज भारतीय गेंदबाजों के सामने टिक नहीं सके। बुमराह की घातक लाइन और लेंथ ने विरोधी टीम को संकट में डाल दिया।

डेब्यू कर रहे राणा ने ट्रेविस हेड (11) को एक खूबसूरत गेंद पर क्लीन बोल्ड किया। सिराज ने मार्नस लाबुशेन (2) को आउट कर ऑस्ट्रेलिया को और बैकफुट पर धकेल दिया।

पंत और रेड्डी का योगदान रहा अहम

जहां एक तरफ शीर्ष क्रम के बल्लेबाज निराश कर रहे थे, वहीं रेड्डी और पंत ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया। पंत ने अपने छोटे से प्रवास में एक अद्भुत छक्का जड़ा, जबकि रेड्डी ने दबाव में धैर्यपूर्ण पारी खेली।

युवा बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल और देवदत्त पडिकल खाता भी नहीं खोल सके। वहीं, विराट कोहली (5) और केएल राहुल (26) भी संघर्ष करते नजर आए।

भारत ने खेल पर किया नियंत्रण

दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बना दिया। अब दूसरे दिन भारतीय गेंदबाजों के पास ऑस्ट्रेलिया को सस्ते में समेटने का मौका होगा।

 

रिपोर्ट: अनिरुद्ध नारायण
(मीडिया छात्र, पटना)

 

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