दीपिका के गोल से चीन को फाइनल में 1-0 से हराया, तीसरी बार जीता खिताब

पटना

भारतीय महिला हॉकी टीम ने बुधवार को एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन को 1-0 से हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ भारत ने तीसरी बार यह प्रतिष्ठित खिताब अपने नाम किया। युवा स्ट्राइकर दीपिका ने एक बार फिर अपने शानदार प्रदर्शन से टीम को विजयी बनाया।

दीपिका बनीं टूर्नामेंट की स्टार

मैच का एकमात्र और निर्णायक गोल दीपिका ने 31वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर से किया। इस गोल के साथ दीपिका टूर्नामेंट की सबसे अधिक गोल करने वाली खिलाड़ी बन गईं। उन्होंने कुल 11 गोल किए और भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाई।

शानदार रक्षात्मक खेल ने दिलाई जीत

मैच के पहले दो क्वार्टर में दोनों टीमों की रक्षात्मक दीवार मजबूत दिखी। भारतीय गोलकीपर बिचू देवी खरिबम ने चीन के पहले पेनल्टी कॉर्नर को बचाकर टीम को बढ़त बनाने का मौका दिया। वहीं, 17 वर्षीय सुनलिता टोप्पो ने अपने ड्रीबलिंग कौशल और बेहतरीन रन से चीनी डिफेंस को बार-बार चुनौती दी।

पेनल्टी कॉर्नर बना चुनौती

हालांकि, भारत के लिए पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलना पूरे टूर्नामेंट में चिंता का विषय रहा। सेमीफाइनल में जापान के खिलाफ 13 पेनल्टी कॉर्नर का लाभ उठाने में नाकाम रहने के बाद, फाइनल में भी भारत ने पांच पेनल्टी कॉर्नर गंवाए। लेकिन 31वें मिनट में दीपिका के शानदार रिवर्स हिट ने टीम को बढ़त दिला दी।

चीन ने बढ़ाया दबाव

गोल खाने के बाद चीनी टीम ने आक्रामक हॉकी खेलते हुए भारतीय सर्कल में कई बार घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति ने हर बार उन्हें रोक दिया। चीन की गोलकीपर ली तिंग ने भी दीपिका के पेनल्टी स्ट्रोक और सुशीला चानू के शॉट को बचाकर भारत की बढ़त को बढ़ने से रोका।

तीसरी बार बना चैंपियन

यह भारत का तीसरा एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी खिताब है। इससे पहले टीम ने 2016 और 2023 में यह खिताब जीता था। इस जीत के साथ भारत टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे सफल टीम बन गया है।

जापान ने हासिल किया तीसरा स्थान

टूर्नामेंट में जापान ने तीसरे स्थान के लिए खेले गए मुकाबले में मलेशिया को 4-1 से हराया।

भारतीय महिला हॉकी टीम की यह ऐतिहासिक जीत न केवल उनके संघर्ष और समर्पण का प्रतीक है, बल्कि देश के लिए गर्व का क्षण भी है।

 

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