गॉदार की ‘ब्रेथलेस’ ने न्यू वेव सिनेमा को दिया नया आयाम

फ्रांसीसी फिल्म निर्माता जीन-ल्यूक गॉदार की पहली फीचर फिल्म ‘ब्रेथलेस’ (ऑरिजनल टाइटल: À Bout de Souffle) ने 1960 में सिनेमा की परिभाषा को बदलते हुए न्यू वेव सिनेमा आंदोलन का नेतृत्व किया। इस फिल्म ने न केवल पारंपरिक फिल्म निर्माण तकनीकों को चुनौती दी, बल्कि सिनेमा को एक नए रचनात्मक और व्यक्तिगत स्वरूप में प्रस्तुत किया।

अमेरिकी फिल्म नोयर का प्रभाव और सांस्कृतिक संदर्भ
फिल्म में अमेरिकी फिल्म नोयर का स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। मुख्य पात्र मिशेल पोइकार्ड, जिसे जीन-पॉल बेलमोंडो ने निभाया, का चरित्र हॉलीवुड स्टार हम्फ्री बोगार्ट की स्टाइल और बॉडी लैंग्वेज से प्रेरित था। गॉदार ने फिल्म में कई सांस्कृतिक और सिनेमाई संदर्भ जोड़े। इनमें एक पोस्टर के माध्यम से हम्फ्री बोगार्ट की फिल्म ‘द हार्डर दे फॉल’ (1956) का उल्लेख, और इंगल्मार बर्गमैन, फ्रिट्ज लैंग, और सैमुअल फुलर की फिल्मों के दृश्यात्मक प्रभाव शामिल थे।

फिल्म ने साहित्य और कला से भी गहराई से प्रेरणा ली। विलियम फॉकनर, डिलन थॉमस, और फ्रांकोइस सागन जैसे साहित्यकारों की रचनाओं का संदर्भ, और पिकासो, मोजार्ट, और रेनॉयर जैसी कला और संगीत के प्रतीकों का उपयोग ‘ब्रेथलेस’ को विशिष्ट बनाता है।

जीवंत और साहसी निर्देशन
फिल्म की अमेरिकी अभिनेत्री जीन सेबर्ग को मुख्य भूमिका के लिए गॉदार ने व्यक्तिगत रूप से चुना। सेबर्ग ने इससे पहले ‘सेंट जोन’ और ‘बोंजोर ट्रिस्टेस’ में काम किया था, लेकिन उनकी पिछली फिल्मों को आलोचकों ने ठंडा रिस्पॉन्स दिया था। इसके बावजूद, गॉदार ने उनमें कुछ अलग देखा और उनकी संभावनाओं पर विश्वास किया।

गॉदार ने इस फिल्म को वृत्तचित्र शैली में शूट करने का निर्णय लिया। कैमरामैन राउल कुटार्ड ने हैंडहेल्ड कैमरा और प्राकृतिक प्रकाश का उपयोग करते हुए फिल्म को जीवंत बनाया। दिलचस्प बात यह है कि फिल्म के कई ट्रैकिंग शॉट्स व्हीलचेयर से शूट किए गए, जिसमें गॉदार खुद कुटार्ड को कैमरा चलाते हुए धक्का देते थे।

फ्रेंच न्यू वेव सिनेमा का प्रतीक
‘ब्रेथलेस’ ने अपने समय की पारंपरिक फिल्म निर्माण विधियों को तोड़ते हुए ‘जंप कट्स’ जैसी तकनीकों को अपनाया, जिन्हें तब तक शौकिया माना जाता था। फिल्म के संवाद शूटिंग के दौरान हर दिन लिखे गए, जो इसे और अधिक स्वाभाविक और जीवंत बनाते थे।

महत्वपूर्ण सम्मान और विरासत
फिल्म को 1960 में प्रतिष्ठित जीन विगो पुरस्कार से नवाजा गया। इसे “भविष्य के फिल्म निर्माता” को प्रोत्साहित करने के लिए दिया जाता है। आलोचकों ने इसे “कैमरा-स्टाइलो” (पेन की तरह कैमरे का उपयोग) के युग की शुरुआत के रूप में सराहा।

जीन-ल्यूक गॉदार की ‘ब्रेथलेस’ ने न केवल फ्रेंच न्यू वेव को परिभाषित किया, बल्कि वैश्विक सिनेमा को एक नई दृष्टि दी, जहां फिल्म निर्माता अपनी व्यक्तिगत शैली और दृष्टिकोण को अभिव्यक्त कर सकते थे।

रिपोर्ट: अनिरुद्ध नारायण
(मीडिया छात्र, पटना)

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