फ्रेंच फिल्मकार जीन रेनोइर की मशहूर फिल्म ‘द रिवर’ (1951) ने बंगाल की सांस्कृतिक धरोहर को बखूबी प्रस्तुत किया है। फिल्म में दिवाली की रोशनी और काली पूजा की आध्यात्मिकता को जिस तरह से कैमरे में कैद किया गया, वह अनोखा है।

इस फिल्म में काली पूजा के दौरान बंगाल की विशेष सांस्कृतिक धारा और दीपावली की उमंग को जिस खूबसूरती से दिखाया गया है, उसका श्रेय भारतीय कला निर्देशक बंसी चंद्रगुप्ता को भी जाता है। चंद्रगुप्ता ने फिल्म के सेट को इस तरह सजाया कि मानो बंगाल के उत्सव का एक वास्तविक दृश्य दर्शकों के सामने सजीव हो उठा हो।

काली पूजा और दीपावली की पृष्ठभूमि में गहराई से जुड़ी भारतीय संस्कृति और परंपरा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश करने के लिए ‘द रिवर’ को आज भी सराहा जाता है।

 

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