जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, इंडोनेशिया, पुर्तगाल और कई अन्य देशों के नेताओं से मुलाकात की। इन बैठकों में आपसी सहयोग बढ़ाने और बहुपक्षीय संबंधों को मजबूती देने पर गहन चर्चा हुई।
फ्रांस के राष्ट्रपति से अंतरिक्ष और एआई पर चर्चा
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने कहा, “मेरा मित्र राष्ट्रपति मैक्रों से मिलना हमेशा खुशी की बात है। हमने अंतरिक्ष, ऊर्जा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और अन्य भविष्यवादी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।” दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस के बीच जनसंपर्क को और मजबूत बनाने पर भी जोर दिया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ हरित ऊर्जा पर जोर
ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर से मुलाकात में पीएम मोदी ने हरित ऊर्जा, तकनीक और सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपसी सहयोग की संभावनाएं तलाशी। उन्होंने कहा, “भारत के लिए ब्रिटेन के साथ व्यापक रणनीतिक साझेदारी महत्वपूर्ण है। हम व्यापार और सांस्कृतिक संबंधों को और सशक्त बनाने की दिशा में काम करेंगे।”
इटली के साथ रक्षा और व्यापार सहयोग की नई पहल
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ बैठक में रक्षा, व्यापार और तकनीकी क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा, “भारत-इटली का दोस्ताना रिश्ता वैश्विक कल्याण में बड़ा योगदान दे सकता है।”
इंडोनेशिया के साथ 75 सालों की साझेदारी पर चर्चा
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो से प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-इंडोनेशिया के 75 साल के कूटनीतिक संबंधों का जश्न मनाया। बैठक में स्वास्थ्य, सुरक्षा और वाणिज्य के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की बात हुई।
पुर्तगाल के साथ आर्थिक संबंधों में तेजी
पुर्तगाल के प्रधानमंत्री लुईस मोंटेनेग्रो से मुलाकात में पीएम मोदी ने नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को गति देने पर जोर दिया। उन्होंने रक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत बनाने की बात कही।
अन्य वैश्विक नेताओं से भी हुई मुलाकात
जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ब्राजील, सिंगापुर और स्पेन सहित कई देशों के नेताओं से भी मुलाकात की। इसके अलावा, उन्होंने आईएमएफ की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से भी बातचीत की।
प्रधानमंत्री मोदी की इन द्विपक्षीय बैठकों ने भारत के वैश्विक संबंधों को नई दिशा देने का काम किया। जी20 शिखर सम्मेलन के मंच पर भारत की मजबूत उपस्थिति का यह एक और उदाहरण है।