अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) द्वारा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट और हमास सैन्य कमांडर मोहम्मद दैफ के खिलाफ जारी किए गए गिरफ्तारी वारंटों को लेकर फ्रांस और नॉर्वे ने अपना समर्थन जताया है।
आईसीसी के पूर्व-न्याय कक्ष ने नेतन्याहू और गैलेंट पर अक्टूबर 2023 से मई 2024 के बीच “मानवता के खिलाफ अपराध और युद्ध अपराध” करने का आरोप लगाया है। वहीं, दैफ पर अक्टूबर 2023 से इजरायल और फिलिस्तीन में ऐसे ही अपराध करने के आरोप लगे हैं।
फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता क्रिस्टोफ लेमोइन ने आईसीसी के इस कदम को अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “दंड से बचने की संस्कृति के खिलाफ लड़ना फ्रांस की प्राथमिकता है और हम आईसीसी के प्रयासों का पूरा समर्थन करेंगे।” हालांकि, नेतन्याहू के फ्रांस आने पर उनकी गिरफ्तारी को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कानूनी जटिलताओं का हवाला देते हुए कोई स्पष्ट उत्तर देने से इनकार कर दिया।
इसके साथ ही लेमोइन ने गाजा और लेबनान में जारी संघर्ष के कारण सांस्कृतिक धरोहर स्थलों के नुकसान पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऐसे स्थलों की रक्षा के लिए वैश्विक स्तर पर कदम उठाने की जरूरत है।
नॉर्वे ने भी आईसीसी के प्रयासों को मजबूत समर्थन दिया है। नॉर्वे के विदेश मंत्री एस्पेन बार्थ ईडे ने कहा, “गंभीर अपराधों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करने में आईसीसी की भूमिका अहम है। यह अदालत निष्पक्षता और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार कार्य करे, यही हमारी उम्मीद है।”
नॉर्वे ने यह भी विश्वास जताया कि आईसीसी इस मामले में निष्पक्षता से न्याय सुनिश्चित करेगा।
रिपोर्ट: अनिरुद्ध नारायण
(मीडिया छात्र, पटना)