जमालपुर
नगर परिषद क्षेत्र में एलईडी और हाई मास्क लाइटें बीते कई महीनों से खराब पड़ी हैं, जिससे त्योहारों के समय शहर की मुख्य सड़कों और गली-मोहल्लों में अंधेरा छाया हुआ है। जबकि नगर परिषद हर साल लाखों रुपये इन लाइटों की देखरेख और मेंटेनेंस पर खर्च करती है। बावजूद इसके, दीपावली और छठ जैसे प्रमुख त्योहारों के समय भी अधिकांश जगहों पर लाइटें बंद हैं।
नगर परिषद ने पांच साल पहले पूरे क्षेत्र में एलईडी और हाई मास्क लाइटें लगाने के लिए एनर्जी एफिशिएंसी सर्विस लिमिटेड (ईईएसएल) को जिम्मेदारी सौंपी थी। इन लाइटों की 7 वर्षों की वारंटी भी दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद लाइटों का मेंटेनेंस नहीं हो पा रहा है। शहर के प्रमुख चौक-चौराहे, बाजार, और गली-मोहल्ले में जगह-जगह अंधेरा पसरा हुआ है। नागरिकों की शिकायत है कि त्योहारों के दौरान साफ-सफाई और रोशनी का विशेष महत्व होता है, लेकिन नगर परिषद की उदासीनता के कारण शहर के कई इलाके अंधकारमय हैं।
नगर परिषद के 2023-24 और 2024-25 के बजट में लाइटों की देखरेख और नई लाइटें लगाने के लिए दो करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। वार्ड पार्षद साईं शंकर ने बताया कि परिषद की कई बैठकों में अतिरिक्त लाइटें लगाने और खराब लाइटों की मरम्मत के लिए बार-बार मांग की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ।
शहर के फरीदपुर, केशोपुर, वलीपुर, रामपुर, नयागांव और सदर बाजार के प्रमुख इलाकों में अंधेरे की वजह से असामाजिक तत्वों की गतिविधियां बढ़ गई हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। नागरिकों का कहना है कि प्रशासन को त्योहारों से पहले लाइटों की मरम्मत करवाकर शहर को रोशनी से जगमग करना चाहिए था, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही के कारण जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।