नेताओं और रेलवे अधिकारियों के बीच तीखी बहस, घंटों तक रुकी रहीं कई ट्रेनें

जमालपुर रेलवे कारखाने के विकास और अन्य लंबित मांगों को लेकर जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन करते हुए रेल चक्का जाम किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने गुवाहाटी-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस को प्लेटफार्म से बाहर ही रोक दिया, जिससे रेलवे प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी बहस हुई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए रेलवे अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।

संघर्ष मोर्चा के संयोजक एवं सपा जिला अध्यक्ष पप्पू यादव के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक पर उतरकर आंदोलन किया। इस प्रदर्शन में सीपीआई नेता दिलीप सिंह, बसपा के जिला प्रभारी कृष्णानंद राउत, वीआईपी के प्रदेश उपाध्यक्ष जफर अहमद, भाकपा माले नेता अशोक कुमार, जन अधिकार पार्टी के जिला अध्यक्ष पप्पी कुमार उर्फ पप्पू यादव और जन सुराज के वरिष्ठ नेता दिनेश सिंह समेत कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।

मांगें नहीं मानी तो अनिश्चितकालीन रहेगा आंदोलन – पप्पू यादव

संघर्ष मोर्चा के नेताओं का कहना था कि जमालपुर रेलवे कारखाने और यहां की अन्य इकाइयों के साथ सरकार और पूर्व रेलवे के अधिकारी सौतेला व्यवहार कर रहे हैं। संयोजक पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि यदि आगामी बजट में उनकी मांगों को शामिल नहीं किया गया, तो मोर्चा अनिश्चितकालीन रेल चक्का जाम करेगा।

17 सूत्री मांगों का सौंपा ज्ञापन

काफी मान-मनौव्वल के बाद मोर्चा के नेता पूर्व रेलवे के अधिकारियों से वार्ता के लिए तैयार हुए और प्रधानमंत्री के नाम 17 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा। प्रमुख मांगों में –

रेलवे कारखाने को निर्माण का दर्जा देने और इसे पूर्व मध्य रेलवे में शामिल करने,

डीजल शेड को इलेक्ट्रिक शेड में तब्दील करने,

रेलवे विश्वविद्यालय की स्थापना,

जमालपुर-मुंगेर-भागलपुर रेलखंड पर वाईलेग और सफियाबाद हॉल्ट की पूर्ण स्थापना,

अस्पताल का आधुनिकीकरण,

पूर्वी क्षेत्र में स्टेशन का निकास और टिकट काउंटर का निर्माण जैसी कई अहम मांगे शामिल थीं।

घंटों तक बाधित रहीं ट्रेनें

रेल चक्का जाम के कारण रेलवे की यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित रही। लगभग आधा दर्जन ट्रेनें विभिन्न प्लेटफार्मों पर घंटों तक फंसी रहीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बड़ी संख्या में कार्यकर्ता हुए शामिल

इस प्रदर्शन में रविकांत झा, मनोज कुमार, मधुकर, मिथिलेश यादव, रामानाथ राय, अशोक भारत, विजय रजक, मो. आजम, अमर शक्ति, डॉ. सुधीर गुप्ता, छडपन मंडल, सुनील साहू, आशीष कुमार, नीरज यादव, अमिताभ कश्यप, विपिन यादव और डॉ. कृष्णानंद पासवान समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।

रेलवे अधिकारियों ने फिलहाल स्थिति को नियंत्रित कर लिया है, लेकिन संघर्ष मोर्चा के चेतावनी के बाद आने वाले दिनों में इस आंदोलन के और तेज होने की संभावना बनी हुई है।

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