बजट में जमालपुर रेल कारखाना की उपेक्षा पर उबाल, पीएम-रेलमंत्री का पुतला फूंका
मुंगेर। केंद्रीय बजट में जमालपुर रेल निर्माण कारखाने की अनदेखी को लेकर क्षेत्र में आक्रोश फैल गया है। इसी के विरोध में जमालपुर रेल निर्माण कारखाना संघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जुबली वेल चौक पर प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का पुतला फूंककर नाराजगी जताई। प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी की गई और सरकार पर उद्योग व रोजगार विरोधी नीति अपनाने का आरोप लगाया गया।
“सरकार पूंजीपतियों की गुलाम”
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संघर्ष मोर्चा के वरिष्ठ नेता रविकांत झा ने कहा कि सरकार लगातार जमालपुर कारखाने की उपेक्षा कर रही है। इस बार भी बजट में कारखाने के विकास को लेकर कोई ठोस घोषणा नहीं की गई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार इसे धीरे-धीरे खत्म करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा, “यह सरकार सिर्फ पूंजीपतियों की हितैषी है, आम जनता और मजदूरों की नहीं। जनता इसका जवाब देगी।”
“खोखले वादों से जनता गुमराह नहीं होगी”
मोर्चा के मीडिया प्रभारी मनोज क्रांति ने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए सिर्फ लुभावने सपने दिखाए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि रेल कारखाने और अन्य महत्वपूर्ण औद्योगिक इकाइयों के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई। उन्होंने कहा, “सरकार के नेता सिर्फ घोषणाओं का ढिंढोरा पीट रहे हैं, लेकिन हकीकत में ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं किया जा रहा।”
जनता देगी जवाब
प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने “प्रधानमंत्री मुर्दाबाद”, “रेल मंत्री होश में आओ”, “जमालपुर कारखाने की उपेक्षा बंद करो”, “हर जुल्म के टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शन में आशिष कुमार, दिनेश साहू, चंदन कुमार, संतोष राउत, अशोक शर्मा, राजकुमार, कुणाल भारती, राकेश यादव, नीरज चौरसिया, सूरज कुमार, जानी पासवान समेत कई कार्यकर्ता शामिल रहे।
प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सरकार जमालपुर रेल निर्माण कारखाने के विकास के लिए ठोस कदम नहीं उठाती, तो आने वाले समय में और भी उग्र आंदोलन किया जाएगा।