‘महाराजा’ ने दर्शकों को अद्भुत अनुभव प्रदान किया है। इस सीरीज में एक कूड़ेदान, एक साँप और दो पिता की कहानी को बेहद प्रभावशाली ढंग से पेश किया गया है।

निथिलन स्वामीनाथन द्वारा निर्देशित विजय सेतुपति की 50वीं फिल्म ‘महाराजा’ एक उच्चस्तरीय थ्रिलर है। फिल्म की कहानी एक नाई के इर्द-गिर्द घूमती है, जो अपना कूड़ेदान ढूँढ़ता है और फिर घटनाएँ अंधेरे क्षेत्र में चली जाती हैं। पटकथा लेखकों ने नॉनलाइनर स्क्रिप्ट का उपयोग कर कहानी को बेहद रोचक बना दिया है।

विजय सेतुपति ने शांत और रहस्यमय चरित्र को बेहतरीन ढंग से निभाया है, वहीं अनुराग कश्यप ने भी अपने अभिनय से फिल्म में जान डाल दी है। नॉनलाइनर पटकथा ने दर्शकों को अंत तक बांधे रखा है, जिसमें एक के बाद एक कई कथानक मोड़ आते हैं।

फिल्म में हिचकॉक तत्वों का प्रभाव साफ नजर आता है, क्योंकि कहानी एक मुद्दे से शुरू होती है और दूसरे मुद्दे पर समाप्त होती है। निर्देशक स्वामीनाथन ने एक साँप को रूपक के रूप में इस्तेमाल किया है, जो कहानी के साथ बेहतरीन ढंग से मेल खाता है।

‘महाराजा’ में दिखाया गया है कि कैसे अतीत आपका पीछा नहीं छोड़ता और अतीत की शिकायतें, पिता-पुत्री का रिश्ता और सिस्टम में भ्रष्टाचार फिल्म के मुख्य स्तंभ हैं। फिल्म में एक्शन सीक्वेंस, लाइट्स का बेहतरीन इस्तेमाल और अच्छे कैमरा एंगल हैं, लेकिन इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी शानदार पटकथा है।

फिल्म के अंत में दिखाया गया है कि एक पिता अपनी बेटी के लिए किस हद तक जा सकता है। इस फिल्म को देखने के बाद दर्शक पिता और बेटी के रिश्तों को एक नए दृष्टिकोण से देखेंगे। ‘महाराजा’ नेटफ्लिक्स पर उपलब्ध है और इसे जरूर देखने की सलाह दी जाती है।

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