मालदा मंडल ने स्क्रैप बिक्री में रचा रिकॉर्ड, 23.4 करोड़ की कमाई कर पार किया वार्षिक लक्ष्य
पूर्व रेलवे के सतत विकास अभियान को मिली बड़ी सफलता, स्क्रैप नीलामी से आया नया उछाल

मुंगेर, 
पूर्व रेलवे के मालदा मंडल ने स्क्रैप बिक्री के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए वित्तीय वर्ष 2024–25 के लिए तय लक्ष्य को समय से पहले पार कर लिया है। मंडल ने 6,309 मीट्रिक टन स्क्रैप बेचकर 23.4 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जो न सिर्फ निर्धारित 6,249 मीट्रिक टन लक्ष्य से अधिक है, बल्कि पिछले वर्ष की तुलना में 33 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि को भी दर्शाता है।

यह उल्लेखनीय उपलब्धि मालदा मंडल रेल प्रबंधक श्री मनीष कुमार गुप्ता के नेतृत्व और वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक श्री रमेन्द्र मलिक की सक्रिय निगरानी के तहत संभव हो सकी। अधिकारियों की रणनीतिक योजना और समयबद्ध क्रियान्वयन ने स्क्रैप निपटान की प्रक्रिया को न केवल तेज़, बल्कि पारदर्शी और प्रभावी भी बनाया।

ई-नीलामी के ज़रिए हुआ स्क्रैप निपटान
मालदा मंडल ने स्क्रैप बिक्री को भारतीय रेलवे ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम (IREPS) के माध्यम से ऑनलाइन नीलामी में उतारा, जिससे न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता आई बल्कि राजस्व में भी भारी इजाफा हुआ। इस वर्ष स्क्रैप रेल, अप्रयुक्त सामग्री और अन्य कबाड़ वस्तुओं की बिक्री से मंडल ने अब तक का सर्वाधिक राजस्व प्राप्त किया।

पिछले साल से बड़ी छलांग
वित्तीय वर्ष 2023–24 में जहां मालदा मंडल ने 5,079 मीट्रिक टन स्क्रैप बेचकर 17.58 करोड़ रुपये की कमाई की थी, वहीं इस बार न केवल स्क्रैप की मात्रा बढ़ी बल्कि राजस्व भी 33.11 प्रतिशत की वृद्धि के साथ नई ऊंचाई पर पहुंचा।

शून्य-स्क्रैप मिशन की ओर ठोस कदम
मालदा मंडल की यह सफलता “शून्य-स्क्रैप” मिशन की दिशा में एक मजबूत पहल मानी जा रही है। न सिर्फ रेल परिसंपत्तियों का बेहतर प्रबंधन हुआ है, बल्कि इससे पर्यावरणीय संतुलन और संसाधनों के पुनः उपयोग को भी बढ़ावा मिला है।

रेलवे प्रशासन का मानना है कि इस तरह की योजनाएं राजस्व वृद्धि के साथ-साथ संगठन की संचालन दक्षता और पर्यावरणीय जिम्मेदारी को भी मजबूती देती हैं। आने वाले समय में मंडल की यही कार्यशैली पूर्व रेलवे को और भी ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगी।

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