मसौढ़ी में मंचित हुआ नाटक ‘आवाज़ की नीलामी’, समाज के नैतिक पतन पर करारा प्रहार

मसौढ़ी (पटना), 30 मार्च – नाट्य संस्था बिनागोरी रंग अभिलाशा द्वारा रविवार को मसौढ़ी के सांडा लक्ष्मी स्थान में नाटक ‘आवाज़ की नीलामी’ का प्रभावशाली मंचन किया गया। इस नाटक को प्रतिष्ठित नाटककार धमचवीर भारती ने लिखा है, जबकि निर्देशन का जिम्मा बिकेश शाह ने संभाला। सामाजिक और राजनीतिक व्यंग्य से भरपूर यह नाटक दर्शकों को गहरे विचार मंथन के लिए विवश कर गया।

सत्य और विचारधारा के बिकने की दर्दनाक सच्चाई
नाटक ‘आवाज़ की नीलामी’ प्रतीकात्मक रूप में उस समाज का चित्रण करता है, जहां व्यक्ति की आवाज़ (विचार और सत्य) को बोली लगाकर बेचा जाता है। मंचन के दौरान दिखाया गया कि किस तरह राजनीतिक ताकतें, धनबल और प्रभावशाली लोग किसी की ईमानदार आवाज़ को खरीदने का प्रयास करते हैं। यह नाटक मानवीय मूल्यों, सत्य और आत्मा के बिकने की त्रासदी को बेहतरीन तरीके से उजागर करता है।

प्रभावी अभिनय ने छोड़ी गहरी छाप
कलाकारों ने अपने दमदार अभिनय से नाटक को जीवंत बना दिया। बिकेश शाह ने जहां ‘बिचौलिया’ की भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाया, वहीं लवकुश कुमार ने रिपोर्टर का किरदार बखूबी निभाया। छोटू राज ने र्टजी के रूप में प्रभाव छोड़ा। लड़कियों की भूमिका में नेहा कुमारी और पायल रानी ने अपने अभिनय से दर्शकों को प्रभावित किया।
नेपथ्य संचालन में मनीष कुमार महुआ, राहुल झा, सुजीत कुमार उमा और नितेश साह ने सराहनीय योगदान दिया।

नाटक ने उठाए गंभीर सवाल
इस नाटक ने समाज के नैतिक पतन और सच्चाई के बिकने जैसे गंभीर मुद्दों पर करारा प्रहार किया। मंचन के दौरान दर्शकों की आंखें नम हो गईं, वहीं कई बार व्यंग्यपूर्ण संवादों पर उन्होंने जमकर तालियां भी बजाईं।
निर्देशक बिकेश शाह ने कहा, “यह नाटक सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने का प्रयास है।”

दर्शकों ने की सराहना
नाटक के बाद दर्शकों ने कलाकारों और निर्देशक की जमकर सराहना की। स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने कहा, “यह नाटक समाज की सच्चाई को बेहद प्रभावशाली ढंग से दर्शाता है।”
कार्यक्रम के अंत में संस्था के पदाधिकारियों ने कलाकारों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।

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