रेड 2′ का असली बाज़ीगर बना अमित सैल, दमदार अभिनय से जीता दिल
2018 में आई अजय देवगन की फिल्म रेड को दर्शकों ने जितना सराहा, उसकी अगली कड़ी रेड 2 भी अब उसी उम्मीदों के साथ सिनेमाघरों में पहुंची है। एक बार फिर अजय देवगन आयकर अधिकारी पटनायक के किरदार में दमदार अंदाज में लौटे हैं और कहना होगा कि यह वापसी दमदार रही है।
फिल्म की शुरुआत धीमी जरूर है, लेकिन पहले तीस मिनट के बाद कहानी अपने असल रंग में आती है। एक ठहराव की अवस्था से गुजरते हुए जब फिल्म असल संघर्ष की ओर बढ़ती है, तब इंटरवल से पहले का मोड़ दर्शकों को बांधने में सफल रहता है।
दूसरे भाग में फिल्म की पटकथा और अधिक सघन होती जाती है। कथा में नाटकीयता के साथ ट्विस्ट भी हैं जो दर्शकों को जुड़े रहने का मौका देते हैं। एक ईमानदार अफसर की व्यवस्था से जूझते हुए फिर से उठ खड़े होने की कहानी अच्छे से गढ़ी गई है।
कलाकारों की बात करें तो अजय देवगन पूरे आत्मविश्वास के साथ किरदार को निभाते हैं। वहीं दूसरे भाग में दिखाई देने वाले कुछ विशेष किरदारों की मौजूदगी फिल्म में नई ऊर्जा भरती है। रेड के पहले भाग से लौटे सौरभ शुक्ला इस बार कहानी को एक सूत्रधार की तरह आगे ले जाते हैं, लेकिन सबसे अहम संकेत फिल्म के अंत में मिलता है कि रेड 3 की तैयारी भी शुरू हो चुकी है।
हालांकि फिल्म का खलनायक पहले भाग में जितना प्रभावशाली था, इस बार वह दूसरे भाग में कहीं कमजोर पड़ता दिखता है। कहानी को रामजी जैसे मज़बूत विरोधी की ज़रूरत थी, जो थोड़ी कमी महसूस होती है।
इस बार फिल्म का असली ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ हैं अमित सैल, जिन्होंने अपने किरदार में जान डाल दी है।
कुल मिलाकर, रेड 2 अपने कुछ कमजोर पहलुओं के बावजूद मनोरंजन और संदेश दोनों स्तरों पर दर्शकों को प्रभावित करने में सफल रहती है।
रेटिंग: 3.5/5