रेल पटरी पर मवेशियों की टहल अब पड़ेगी भारी, मालदा मंडल ने चलाया जागरूकता अभियान
कहलगांव-लैलख ममलखा रेल सेक्शन में CRO जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने का प्रयास, ग्रामीणों से सीधा संवाद
मालदा | 19 मई
मालदा मंडल अंतर्गत कहलगांव से लैलख ममलखा रेल खंड के आस-पास मवेशी टकराव (Cattle Run Over – CRO) की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए रविवार, 18 मई को मंडल प्रशासन ने एक विशेष जन-जागरूकता अभियान चलाया। यह पहल मंडल रेल प्रबंधक श्री यतीश कुमार के नेतृत्व में रेल परिचालन की सुरक्षा एवं समयबद्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई।
रेलवे की टीम ने स्थानीय ग्रामीणों से संवाद स्थापित करते हुए उन्हें CRO, मानव टकराव, चेन खींचने, ट्रैक पर पथराव, अतिक्रमण, पटरी पर वस्तु रखने जैसी असुरक्षित गतिविधियों के दुष्परिणामों से अवगत कराया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ये कार्य न केवल ट्रेनों की रफ्तार और संचालन को प्रभावित करते हैं, बल्कि मानव एवं पशु जीवन के लिए भी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
सिर्फ इस साल CRO की 245 घटनाएं
रेलवे प्रशासन द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024–25 में अब तक मालदा मंडल में मवेशी टकराव की 245 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें से 25 मामले साहिबगंज-भागलपुर सेक्शन से सामने आए हैं। इससे रेलवे को परिचालन और राजस्व दोनों स्तरों पर भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने मवेशियों को ट्रैक के निकट न चराएं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बांध कर रखें। साथ ही, रेलवे अधिनियम की धाराओं का हवाला देते हुए बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर ट्रैक पर मवेशी छोड़ता है या रेल परिसरों में बाधा उत्पन्न करता है, तो वह दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
जन सहभागिता से ही संभव है सुरक्षा
इस अभियान का मूल उद्देश्य आम जनता को सीधे जोड़कर रेलवे सुरक्षा में उनकी जिम्मेदारी और सहभागिता को जागृत करना था। संवादात्मक सत्रों और जन-संपर्क गतिविधियों के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि रेलवे केवल एक प्रशासनिक इकाई नहीं, बल्कि एक साझा संसाधन है, जिसकी सुरक्षा में हर नागरिक की भूमिका महत्वपूर्ण है।
मालदा मंडल प्रशासन ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में अन्य संवेदनशील इलाकों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि CRO जैसी घटनाओं पर प्रभावी रोक लगाई जा सके और ट्रेनों का संचालन सुरक्षित एवं समयबद्ध बना रहे।