राज कपूर और रविंद्र जैन: जब ‘राम तेरी गंगा मैली’ के लिए मिला था संगीतमय समाधान

– हिंदी फिल्म संगीत जगत में रविंद्र जैन का नाम सदैव सम्मान और सृजनशीलता के लिए लिया जाता है। उनकी धुनों में बसती आत्मीयता ने सिनेमा को एक अलग पहचान दी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब राज कपूर अपनी फिल्म राम तेरी गंगा मैली के शीर्षक को लेकर असमंजस में थे, तब रविंद्र जैन ने ही उन्हें इस समस्या का हल दिया था?

जब ‘गंगा’ को मैला कहने पर हुआ असमंजस

राज कपूर ने जब इस फिल्म का विचार रखा तो उनके मन में एक संदेह था—जिस देश में गंगा बहती है जैसी फिल्म बनाने के बाद अब यदि वे गंगा को “मैली” कहते हैं, तो दर्शक इसे कैसे स्वीकारेंगे? इसी उलझन के चलते उन्होंने संगीतकार रविंद्र जैन से यह बात साझा की। इस पर रविंद्र जैन ने पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा, “राज साहब, इस टाइटल को जस्टीफाई करने की जिम्मेदारी मेरी।”

गाने की एक पंक्ति और सुलझ गई मुश्किल

रविंद्र जैन ने तत्काल एक मुखड़ा गाकर सुनाया—
“गंगा हमारी कहे ये बात रोते-रोते… राम तेरी गंगा मैली हो गई, पापियों के पाप धोते-धोते।”
राज कपूर इस पंक्ति को सुनते ही भावुक हो गए और उन्होंने रविंद्र जैन को गले लगा लिया। उसी क्षण उन्होंने यह निर्णय कर लिया कि फिल्म का संगीत उन्हीं के हाथों सौंपा जाएगा।

‘एक राधा एक मीरा’ और राज कपूर की पेशगी

यह पहली बार नहीं था जब राज कपूर ने रविंद्र जैन की संगीत प्रतिभा को पहचाना था। एक बार दिल्ली में एक शादी समारोह के दौरान रविंद्र जैन ने एक राधा एक मीरा गीत सुनाया था। उस गीत से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सवा रुपये की पेशगी देकर कहा, “यह गीत अब मेरा हुआ।” बाद में यही गीत राम तेरी गंगा मैली के क्लाइमैक्स में इस्तेमाल किया गया।

जब 25 दिनों तक कश्मीर में रखा, ताकि ‘रामायण’ का असर मिट जाए

राज कपूर के प्रति रविंद्र जैन की निष्ठा इतनी गहरी थी कि जब फिल्म हिना की संगीत रचना की बारी आई, तब भी राज कपूर ने एक अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने रविंद्र जैन को कश्मीर बुलाकर 25 दिनों तक अपने साथ रखा, लेकिन संगीत पर कोई चर्चा नहीं की। वजह? वह चाहते थे कि रविंद्र जैन के मन से रामायण का प्रभाव हट जाए और वे हिना के लिए उपयुक्त धुनें तैयार कर सकें।

राज कपूर का ‘दादू’ और खिचड़ी प्रेम

राज कपूर और रविंद्र जैन के रिश्ते सिर्फ काम तक सीमित नहीं थे। राज कपूर उन्हें प्यार से “दादू” कहकर बुलाते थे और जानते थे कि उन्हें खिचड़ी बहुत पसंद है। इसलिए जब भी रविंद्र जैन उनके घर आते, कृष्णा कपूर उनके लिए खिचड़ी जरूर बनवातीं।

एक विरासत जो कभी फीकी नहीं होगी

रविंद्र जैन ने न केवल राम तेरी गंगा मैली बल्कि हिना समेत कई फिल्मों के लिए अमर संगीत दिया। उनके गीत आज भी लोगों की स्मृतियों में जीवंत हैं। उनके योगदान को याद करते हुए कहना गलत नहीं होगा कि भारतीय सिनेमा में उनकी धुनें हमेशा जीवित रहेंगी।

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