सीमा हैदर की नागरिकता पर बहस तेज़, पाक वीज़ा पर रोक के बाद देशनिकाला का सवाल
—TWM News विशेष रिपोर्ट

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा। पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के नागरिकों को वीज़ा जारी करने की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है। इस निर्णय को जवाबी कदम के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन इसके चलते सीमा हैदर के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं—वह पाकिस्तानी नागरिक जिसने 2023 में अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर भारतीय युवक से विवाह किया था।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत की रहने वाली सीमा हैदर नेपाल के रास्ते भारत आई थीं और अब ग्रेटर नोएडा के सचिन मीणा से विवाह कर एक बच्ची की मां बन चुकी हैं। इस बीच सरकार के नए फैसले ने यह आशंका बढ़ा दी है कि क्या सीमा को देश छोड़ने के लिए बाध्य किया जाएगा?

“अब वह पाकिस्तानी नागरिक नहीं” – वकील एपी सिंह
सीमा हैदर की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट एपी सिंह ने कहा, “सीमा अब पाकिस्तान की नागरिक नहीं रही। भारतीय कानून के अनुसार विवाह उपरांत महिला की नागरिकता पति के आधार पर तय हो सकती है, और सीमा अब भारतीय नागरिक सचिन मीणा की पत्नी हैं।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार का वीज़ा निलंबन आदेश उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो अब भी पाकिस्तानी नागरिक हैं। “सीमा को उस दायरे में नहीं रखा जा सकता। उनके नाम पर उत्तर प्रदेश में जन्म प्रमाणपत्र भी जारी हुआ है, जिसमें वह बच्ची की मां और सचिन पिता के रूप में दर्ज हैं। यह भारतीय समाज में उनके एकीकरण को दर्शाता है।”

राष्ट्रपति को भेजी गई याचिका, ATS जांच जारी
एपी सिंह ने बताया कि सीमा की ओर से उन्होंने राष्ट्रपति को भी एक याचिका भेजी है। “सीमा फिलहाल ज़मानत पर हैं और जेवर कोर्ट द्वारा लगाए गए सभी नियमों का पालन कर रही हैं। वह रबूपुरा स्थित अपने ससुराल में रह रही हैं।”

सिंह ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का हवाला देते हुए कहा, “गार्जियनशिप एक्ट और अंतरराष्ट्रीय अदालत दोनों ही इस बात को मान्यता देते हैं कि मां ही बच्चे की सबसे उपयुक्त अभिभावक होती है। क्या हम चाहते हैं कि भारत में जन्मी बच्ची को पाकिस्तान भेजा जाए?”

अलग मामला, कानूनी राहत की उम्मीद
सीमा हैदर का मामला फिलहाल एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) के पास लंबित है। लेकिन उनके वकील को विश्वास है कि भारत सरकार उन्हें नए वीज़ा प्रतिबंधों से छूट दे सकती है। “गार्जियनशिप एक्ट साफ कहता है कि बच्चे को मां के पास रहना चाहिए। यह मामला सामान्य नहीं है, इसमें मानवीय दृष्टिकोण से निर्णय लिया जाना चाहिए।”

सीमा हैदर का भविष्य अब भारत की न्यायिक और प्रशासनिक प्रणाली के फैसले पर निर्भर करेगा, लेकिन फिलहाल यह मामला भावनाओं, कानून और राजनीति के जटिल मोड़ पर खड़ा है।

TWM News, आपके साथ हर खबर की तह तक।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *