धार्मिक कदाचार मामले में ‘तंखैया’ घोषित होने के बाद लिया फैसला
चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। यह फैसला उन्होंने अकाल तख्त द्वारा ‘तंखैया’ (धार्मिक कदाचार के दोषी) घोषित किए जाने के बाद लिया। पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बात की जानकारी दी।
डॉ. चीमा ने बताया कि सुखबीर बादल ने अपना इस्तीफा पार्टी की कार्यकारी समिति को सौंप दिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिले समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। अब पार्टी में नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।
धार्मिक सज़ा का इंतजार कर रहे थे बादल
सुखबीर बादल के इस्तीफे से कुछ दिन पहले उन्होंने अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघुवीर सिंह से आग्रह किया था कि उनके धार्मिक कदाचार के लिए सजा का ऐलान किया जाए। यह मामला 30 अगस्त का है, जब अकाल तख्त ने बादल को 2007-2017 के दौरान शिरोमणि अकाली दल और पंजाब सरकार द्वारा की गई “गलतियों” के लिए ‘तंखैया’ घोषित किया था।
हालांकि, जत्थेदार द्वारा उनकी ‘तंखाह’ (धार्मिक सजा) का ऐलान अब तक नहीं किया गया है। अकाल तख्त से राहत न मिल पाने के कारण शिरोमणि अकाली दल ने 24 अक्टूबर को घोषणा की कि वह आगामी उपचुनावों में हिस्सा नहीं लेगा।
विद्रोही नेताओं ने भी मांगी थी माफी
1 जुलाई को शिरोमणि अकाली दल के बागी नेता, जिनमें पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और पूर्व एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जगीर कौर शामिल थे, अकाल तख्त के समक्ष पेश हुए थे। उन्होंने पार्टी सरकार के कार्यकाल में हुई “गलतियों” के लिए माफी मांगी थी।
सुखबीर बादल के इस्तीफे के बाद शिरोमणि अकाली दल में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हैं। पार्टी के भविष्य को लेकर यह फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।