स्ट्रीट थिएटर के रंग में रंगा जेवियर कॉलेज, दो दिवसीय ‘जश्न-ए-नुक्कड़’ उत्सव संपन्न
पटना, 7 फरवरी 2025: सेंट जेवियर्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग और ज़ेवियर थिएटर क्लब के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय नुक्कड़ नाटक महोत्सव ‘जश्न-ए-नुक्कड़’ का समापन शुक्रवार को हुआ। इस महोत्सव ने थिएटर के जरिए सामाजिक मुद्दों को उजागर करने और युवा कलाकारों को अपनी कला प्रदर्शित करने का मंच प्रदान किया।
सामाजिक विषयों पर नुक्कड़ नाटकों का सशक्त प्रदर्शन
6 और 7 फरवरी को आयोजित इस महोत्सव में विभिन्न थिएटर समूहों ने राजनीति, लैंगिक समानता, सामाजिक न्याय, कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे समसामयिक विषयों पर विचारोत्तेजक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम का शुभारंभ फादर जैकब स्रांपिकल की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ हुआ, जिसके बाद मशाले लेकर चलना गीत की प्रस्तुति श्री बीरेंद्र कुमार ने दी।
प्रथम दिन की प्रस्तुतियां
मुख्य अतिथि श्री जावेद अख्तर खान की उपस्थिति में पहले दिन की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया। प्रस्तुत नाटकों में प्रमुख रूप से शामिल रहे:
- राजनीति और भोली-भाली जनता (ज़ेवियर थिएटर क्लब) – राजनीति में जनता की भावनाओं के शोषण पर करारा व्यंग्य।
- सवा सेर गेहूं (प्रेरणा) – किसानों के संघर्ष और शोषण की कहानी।
- कुत्ते (अभ्युदय) – समाज की विडंबनाओं और भ्रष्टाचार पर कटाक्ष।
- बेटी है अनमोल (रंग समूह) – बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण पर संदेशप्रद नाटक।
- Artificial Intelligence (बीए जनसंचार छात्र) – एआई के मानवीय संबंधों पर प्रभाव और नैतिक दुविधाओं की झलक।
- Gangadevi Mahila College – दर्शकों को जोड़ने वाला स्ट्रीट-स्टाइल नरेशन।
इस अवसर पर श्री जावेद अख्तर खान ने नुक्कड़ नाटक को समाज में जागरूकता लाने का प्रभावी माध्यम बताया और युवाओं को थिएटर से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।
दूसरे दिन की प्रस्तुतियां और सम्मान समारोह
दूसरे दिन की शुरुआत फादर जैकब स्रांपिकल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ हुई। फादर प्रिंसिपल ने अतिथि सम्मान में उद्घाटन भाषण दिया और विशिष्ट अतिथि श्री अनीश अंकुर को मंच पर आमंत्रित किया। इस दिन के प्रमुख नाटक रहे:
- ट्रोल नगरी (पटना विमेंस कॉलेज) – सोशल मीडिया ट्रोलिंग और ऑनलाइन बुलिंग की समस्या पर व्यंग्य।
- यह दौड़ है किसकी (अभियान) – आधुनिक समाज की प्रतिस्पर्धा और मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव।
- भोलाराम का जीव (आईपीटीए) – सरकारी तंत्र की जटिलताओं पर प्रहार करता व्यंग्य।
- पिंजरा (चिराग) – महिलाओं पर थोपे गए सामाजिक बंधनों की भावनात्मक प्रस्तुति।
- चली है कलेक्टर बनाने (कोरस) – सिविल सेवा की तैयारी कर रही लड़की के संघर्षों और सफलताओं की प्रेरणादायक कहानी।
- लीक (XAA) – सामाजिक मान्यताओं को तोड़ने और रूढ़ियों से मुक्त होने की चुनौती।
इस मौके पर श्रीमती नीलम चौधरी ने समाज में थिएटर की भूमिका पर विचार व्यक्त किए। समापन समारोह में फादर जैकब स्रांपिकल मेमोरियल अवार्ड के तहत फादर डॉ. जैकब स्रांपिकल पुरस्कार श्री अनीश अंकुर को नुक्कड़ नाटकों के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान के लिए प्रदान किया गया।
नुक्कड़ थिएटर की ऊर्जा से सजी पटना की शाम
दो दिवसीय जश्न-ए-नुक्कड़ 2025 महोत्सव ने नुक्कड़ नाटक की सशक्तता को पुनः स्थापित किया और समाज में बदलाव लाने में थिएटर की भूमिका को रेखांकित किया। फादर रेक्टर डॉ. फादर जोसेफ सेबेस्टियन एसजे द्वारा सभी प्रमुख प्रतिभागियों को स्मृति चिह्न प्रदान किए गए। कार्यक्रम का समापन मशाले लेकर चलना गीत की सामूहिक प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसने कला के जरिए सामाजिक बदलाव के संदेश को और प्रबल बना दिया।
सेंट जेवियर्स कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने इस महोत्सव को भविष्य में भी जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई, जिससे युवा प्रतिभाओं को अपनी अभिव्यक्ति का मंच मिलता रहे और समाज में थिएटर के प्रभाव को और अधिक सशक्त किया जा सके।