तमिलनाडु की राजनीति में नया मोड़: विजय के मंच पर पहुंचे प्रशांत किशोर, TVK को बताया भविष्य की ताकत

चेन्नई, बुधवार – तमिल सुपरस्टार से राजनेता बने विजय के राजनीतिक दल तमिऴग वेत्रि कषगम (TVK) की पहली वर्षगांठ समारोह में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। इस कार्यक्रम में जन सुराज पार्टी के प्रमुख प्रशांत किशोर की मौजूदगी ने तमिलनाडु की सियासत में हलचल मचा दी। किशोर, जो अब TVK के रणनीतिक सलाहकार की भूमिका निभा रहे हैं, आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी को मजबूती देने में जुटे हैं।

इस दौरान विजय ने अपने संबोधन में कहा कि TVK अब तमिलनाडु की राजनीति में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा है, जहां दशकों से द्रविड़ दलों का दबदबा रहा है। उन्होंने 1967 और 1977 की राजनीतिक पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए 2026 के चुनावों में इतिहास रचने का दावा किया। विजय ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी किसी भी कीमत पर अपनी विचारधारा से समझौता नहीं करेगी।

सियासी गठजोड़ पर साधी चुप्पी

AIADMK के साथ गठबंधन की अटकलों पर विजय ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, “राजनीति में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होता। यह एक अलग स्तर का खेल है, जहां समर्थन और विरोध बदलते रहते हैं।”

केंद्र-राज्य विवाद पर कसा तंज

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को लेकर केंद्र और DMK सरकार के बीच चल रही तनातनी पर विजय ने व्यंग्यात्मक टिप्पणी की। उन्होंने इसे “LKG-UKG की लड़ाई” करार दिया और कहा कि *“शिक्षा के लिए फंड रोकना और फिर उस पर राजनीतिक बहस करना जनता के साथ अन्याय है। केंद्र का कर्तव्य है कि वह राज्य को फंड आवंटित करे और राज्य को इसे अपना अधिकार मानकर प्राप्त करना चाहिए। लेकिन इसके बजाय दोनों ही दल ट्विटर पर हैशटैग युद्ध में उलझे हुए हैं।”

DMK और वाम दलों ने खारिज किया असर

TVK में प्रशांत किशोर की भूमिका को लेकर DMK और वाम दलों ने कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं दी। DMK सांसद कनिमोझी ने कहा कि DMK अपनी जमीनी ताकत पर निर्भर करती है और मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के नेतृत्व में आगे बढ़ रही है। वहीं, CPI(M) नेता के. बालकृष्णन ने विजय की फिल्मी लोकप्रियता को चुनावी सफलता का पैमाना मानने से इनकार करते हुए कहा कि तमिलनाडु के मतदाता बेहद राजनीतिक रूप से जागरूक हैं और महज किसी रणनीति से चुनावी जीत संभव नहीं।

क्या तमिलनाडु की राजनीति में नया अध्याय शुरू हो रहा है?

तमिलनाडु में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले TVK की सक्रियता और विजय के नेतृत्व में पार्टी का विस्तार विपक्षी दलों के लिए चिंता का विषय बन सकता है। वहीं, प्रशांत किशोर की रणनीतिक भागीदारी TVK के चुनावी समीकरण को नई दिशा दे सकती है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विजय का यह राजनीतिक सफर उन्हें तमिलनाडु की सत्ता के कितने करीब ले जाता है।

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