80 साल बाद भी रहस्य और सिनेमा की बेजोड़ मिसाल है ‘लौरा’
– 1944 में बनी अमेरिकी फिल्म लौरा आज भी सिनेमा प्रेमियों के लिए उतनी ही रोमांचक है, जितनी कि अपने समय में थी। यह फिल्म न केवल क्राइम फिल्म नोयर शैली की उत्कृष्ट कृति है, बल्कि इसने आने वाले दशकों में कई प्रसिद्ध निर्देशकों को प्रभावित किया। दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म के पीछे यूरोपीय प्रवासी निर्देशकों का हाथ रहा, जो नाजी उत्पीड़न से बचकर अमेरिका पहुंचे थे।
बुकोविना में जन्मे निर्माता ओटो प्रेमिंगर ने इस फिल्म का निर्माण किया और निर्देशन की कमान भी संभाली, क्योंकि पहले निर्देशक रूबेन मामूलियन की दृष्टि से वे संतुष्ट नहीं थे। फिल्म की कहानी वेरा कैस्पेरी के उपन्यास पर आधारित थी, जिसमें प्रेमिंगर ने खुद बदलाव किए और इसे सिनेमाई उत्कृष्टता तक पहुंचाया।
एक रहस्यपूर्ण मर्डर केस और अप्रत्याशित मोड़
फिल्म की कहानी एक क्लासिक मर्डर मिस्ट्री की तरह शुरू होती है, जहां न्यूयॉर्क का एक पुलिस इंस्पेक्टर एक खूबसूरत और बुद्धिमान महिला के कत्ल की गुत्थी सुलझाने में जुटा है। मृतका के कई प्रशंसक और प्रेमी थे, जिनमें एक चालाक साहसी व्यक्ति और एक वरिष्ठ क्राइम पत्रकार भी शामिल थे। कहानी में कई ऐसे मोड़ आते हैं, जो दर्शकों को अंत तक बांधे रखते हैं।
भव्य विजुअल स्टाइल और दमदार अभिनय
लौरा की सबसे बड़ी खासियत इसकी सिनेमाटोग्राफी और बेहतरीन अभिनय है। यह फिल्म 1940 के दशक के न्यूयॉर्क के उच्च वर्गीय समाज की झलक दिखाती है, जिसमें कला और सौंदर्यशास्त्र को खास महत्व दिया गया है। दिलचस्प बात यह है कि यह फिल्म द्वितीय विश्व युद्ध के उस दौर में बनी, लेकिन इसमें युद्ध का कोई उल्लेख नहीं किया गया। शायद यह उस समय की ‘एस्केपिस्ट’ फिल्मों में से एक थी, जो दर्शकों को युद्ध की भयावहता से दूर रखने के लिए बनाई गई थीं।
फिल्म में मुख्य किरदारों को जीवंत बनाने का श्रेय अभिनेत्री जीन टियरनी और अभिनेता क्लिफ्टन वेब को जाता है। जीन टियरनी ने अपनी खूबसूरती और अभिनय से लौरा को यादगार बनाया, जबकि क्लिफ्टन वेब ने अपने पत्रकार वाले किरदार को गहराई और तीखे व्यंग्य से उभारा। उनकी परफॉर्मेंस इतनी प्रभावशाली है कि आज के दौर में भी वे किसी भी आधुनिक हॉलीवुड फिल्म में फिट बैठ सकते हैं।
क्यों देखनी चाहिए ‘लौरा’?
सिनेमाई इतिहास और क्लासिक फिल्मों के शौकीनों के लिए लौरा किसी खजाने से कम नहीं है। इसकी रहस्यमयी कहानी, शानदार निर्देशन और बेहतरीन विजुअल ट्रीटमेंट इसे आज भी देखने लायक बनाते हैं। अगर आप एक शानदार क्राइम थ्रिलर देखने का मन बना रहे हैं, तो लौरा को अपनी सूची में जरूर शामिल करें!
निहाल देव दत्ता