पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को राजकोट ने दी अंतिम विदाई
विमान हादसे में निधन के बाद भावुक हुआ पूरा शहर, राजकीय सम्मान के साथ हुए अंतिम संस्कार
राजकोट/अहमदाबाद।
राजकोट ने सोमवार को गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को अश्रुपूरित नेत्रों से अंतिम विदाई दी। बीते सप्ताह एयर इंडिया की विमान दुर्घटना में उनका दुखद निधन हो गया था। 68 वर्षीय रूपाणी उन 270 लोगों में शामिल थे, जिन्होंने इस दर्दनाक हादसे में अपनी जान गंवाई।
12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित 28 जमीनी लोग भी मारे गए। एक यात्री चमत्कारिक रूप से इस दुर्घटना में जीवित बच गया।
सोमवार को राजकोट में आयोजित अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। रूपाणी के निवास से श्मशान घाट तक लगभग छह किलोमीटर लंबी यात्रा में शहरवासियों ने सड़क किनारे खड़े होकर पुष्पवर्षा की और folded hands के साथ अंतिम विदाई दी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
गुजरात सरकार ने इस दुखद क्षति पर सोमवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा भी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए विशेष रूप से राजकोट पहुंचे। विजय रूपाणी के पुत्र ऋषभ रूपाणी ने अंतिम संस्कार की सभी विधियां संपन्न कीं।
दुर्घटना के बाद उनका शव बुरी तरह जल चुका था, जिसे डीएनए परीक्षण के माध्यम से तीन दिन बाद पहचाना गया। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में परीक्षण के बाद पार्थिव शरीर को उनके परिवार को सौंपा गया और विमान के माध्यम से राजकोट लाया गया।
विजय रूपाणी ने अगस्त 2016 से सितंबर 2021 तक गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया था। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से कुछ माह पूर्व पार्टी की रणनीति के तहत पद से इस्तीफा दिया था। इस्तीफे के बावजूद वे पार्टी के भीतर प्रभावशाली नेता बने रहे और भाजपा की ऐतिहासिक जीत में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। 182 में से 156 सीटों पर भाजपा की जीत के पीछे उनकी संगठनात्मक पकड़ भी अहम मानी गई।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी रूपाणी को भाजपा ने पंजाब और चंडीगढ़ का प्रभारी बनाया, जहां वे सक्रिय रूप से पार्टी की नीतियों को लागू करने में लगे रहे।
पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “विजयभाई ने कभी किसी कार्य को छोटा या बड़ा नहीं माना। उन्होंने सूरत के 2030 विकास योजना को मंजूरी देकर शहर की दिशा और दशा बदलने की नींव रखी थी।”
राजकोट ने एक जुझारू नेता और समर्पित जनसेवक को खो दिया है। प्रदेश की राजनीति में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।