त्याग, करुणा और प्रेम का संदेश देता ‘गुड फ्राइडे’
पटना, 18 अप्रैल।
विश्व भर में ईसाई समुदाय के लिए पवित्र दिन ‘गुड फ्राइडे’ को गहरे भावनात्मक श्रद्धा और आत्मचिंतन के साथ मनाया जाता है। यह दिन उस बलिदान की याद दिलाता है जब प्रभु यीशु मसीह ने मानवता के उद्धार के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।
गुड फ्राइडे केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह इंसानी आत्मा को करुणा, क्षमा और प्रेम के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि चाहे पीड़ा कितनी भी बड़ी क्यों न हो, सच्चा प्रेम और सच्ची आस्था अडिग रहती है।
आज सुबह से ही शहर के विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन हुआ। सादगी और शांति के वातावरण में श्रद्धालुओं ने प्रभु यीशु के बलिदान को याद किया। काले वस्त्र धारण किए श्रद्धालुओं ने मौन जुलूस निकाला और प्रार्थनाओं के माध्यम से अपने अंतर्मन को शुद्ध करने का प्रयास किया।
शहर भर के युवाओं ने भी इस दिन को खास रूप से मनाया। कई स्वयंसेवी संस्थाओं ने जरूरतमंदों के बीच भोजन वितरण कार्यक्रम आयोजित कर ‘सेवा में ही ईश्वर’ की भावना को चरितार्थ किया।
गुड फ्राइडे का संदेश केवल ईसाई समुदाय तक सीमित नहीं है। इसकी आत्मा सार्वभौमिक है — दया, क्षमा और प्रेम की अनंत धारा, जो हर मानव हृदय को छूने की शक्ति रखती है। जब हम इस दिन प्रभु यीशु के क्रूस पर चढ़ने के दर्द को याद करते हैं, तो हमें अपने भीतर झांकने का अवसर भी मिलता है — क्या हम भी किसी के लिए निःस्वार्थ प्रेम और क्षमा कर सकते हैं?
आज के समय में, जब दुनिया संघर्ष और विभाजन के दौर से गुजर रही है, गुड फ्राइडे का यह संदेश पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो उठा है — “सच्चा प्रेम त्याग मांगता है, और सच्चा त्याग हमेशा जीवन को नया अर्थ देता है।”
गुड फ्राइडे हमें आमंत्रित करता है — चलो एक नए दिल से दुनिया को देखें, जहां करुणा हो, क्षमा हो और हर दिल में प्रेम की लौ फिर से जल उठे।
रिपोर्ट : शिवांशु सिंह सत्या