पहलगाम हमले के बाद 48 पर्यटन स्थल बंद
श्रीनगर। पहलगाम के बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले ने एक बार फिर कश्मीर घाटी की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हमले के बाद राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए कश्मीर के 87 पर्यटन स्थलों में से 48 को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया है। खुफिया एजेंसियों की ओर से जारी अलर्ट के बाद यह निर्णय लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद आतंकी संगठनों के स्लीपर सेल घाटी में सक्रिय हो गए हैं और उन्हें आगामी दिनों में हमलों को अंजाम देने के निर्देश मिले हैं। खुफिया रिपोर्टों में यह भी खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई श्रीनगर और गंदेरबल जिलों में खासतौर पर गैर-स्थानीय नागरिकों, सीआईडी कर्मियों और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाने की साजिश रच रही है।
राज्य सरकार ने इन खतरों को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी है। विशेष रूप से गुलमर्ग, सोनमर्ग और डल झील जैसे संवेदनशील पर्यटन स्थलों पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की एंटी-फिदायीन यूनिट को तैनात किया गया है। पूरे घाटी में चौकसी बढ़ा दी गई है और जगह-जगह तलाशी अभियान जारी है।
खुफिया रिपोर्टों में यह भी बताया गया है कि उत्तर, दक्षिण और मध्य कश्मीर में सक्रिय आतंकी अब लक्षित हत्याओं की योजना बना रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, घाटी में सक्रिय आतंकियों के ठिकानों पर कार्रवाई के जवाब में बड़े आतंकी हमले हो सकते हैं।
इस बीच, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम हमले की जांच शुरू कर दी है। एनआईए की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और हमले का दृश्य फिर से निर्मित किया, ताकि हमलावरों के मूवमेंट और योजना का अंदाजा लगाया जा सके।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को बैसरन घाटी में चार से छह आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले को 26/11 मुंबई हमले के बाद दूसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।