फौजी वर्दी से फिल्मी पर्दे तक : ये बॉलीवुड सितारे असल ज़िंदगी में भी देश के लिए लड़े
बॉलीवुड में जब कोई अभिनेता सैनिक की भूमिका निभाता है, तो वह दर्शकों के दिलों को छू जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ कलाकार ऐसे भी हैं, जिन्होंने सिर्फ पर्दे पर नहीं, असल ज़िंदगी में भी देश की सेवा की है? फौजी वर्दी पहनकर देश के लिए समर्पित रहने वाले इन सितारों की कहानियाँ प्रेरणादायक हैं।
मेजर रुद्राशीष मजूमदार : सेना से सिनेमा तक का सफर
कोलकाता में जन्मे मेजर रुद्राशीष मजूमदार ने सेना में सात वर्षों तक सेवा देने के बाद अभिनय की दुनिया में कदम रखा। 11 जून 2011 से 7 जुलाई 2018 तक भारतीय सेना में कार्यरत रहे रुद्राशीष ने छिछोरे, जर्सी और मिसेज अंडरकवर जैसी फिल्मों में अभिनय किया है। उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और भारतीय सैन्य अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया था।
बिक्रमजीत कंवरपाल : पिता की विरासत को किया साकार
दिवंगत अभिनेता बिक्रमजीत कंवरपाल 1989 में सेना में कमीशंड हुए और 2002 में मेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल द्वारका नाथ कंवरपाल भी सेना में अधिकारी थे। सेना की अनुशासनप्रियता और समर्पण को उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा में भी साथ रखा। पेज 3, 2 स्टेट्स और टीवी सीरीज़ 24 में उन्होंने उल्लेखनीय भूमिकाएँ निभाईं।
गुफी पेंटल : शाकुनी बनने से पहले थे फौजी
टीवी पर ‘शकुनी मामा’ के किरदार से मशहूर हुए गुफी पेंटल ने 1962 की भारत-चीन लड़ाई के दौरान सेना में सेवाएं दी थीं। उस समय वे इंजीनियरिंग छात्र थे, जिन्हें कॉलेज से सीधे भर्ती कर सीमा पर तैनात किया गया।
नाना पाटेकर : असल युद्धभूमि पर भी निभाया कप्तान का किरदार
प्रहार फिल्म के लिए माराठा लाइट इन्फेंट्री से प्रशिक्षण लेने वाले नाना पाटेकर ने 1999 के करगिल युद्ध के समय सेना में सेवा की इच्छा जताई थी। शुरू में उनके अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया, परंतु दृढ़ निश्चय और सैन्य प्रशिक्षण के चलते तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने उन्हें कैप्टन की अस्थायी पदवी प्रदान की। अगस्त 1999 में वे भारतीय सेना का हिस्सा बने।
अच्युत पोतदार : प्रोफेसर से बने सैनिक, फिर अभिनेता
3 इडियट्स और लगे रहो मुन्नाभाई जैसी फिल्मों में नजर आने वाले अच्युत पोतदार ने अपने जीवन की शुरुआत बतौर शिक्षक की, लेकिन फिर सेना में शामिल होकर 1967 तक सेवा दी। 44 वर्ष की उम्र में उन्होंने अभिनय की शुरुआत की और आज तक वे अपनी गंभीर भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते हैं।
आनंद बक्षी : गीतों के फौजी शायर
बॉलीवुड के मशहूर गीतकार आनंद बक्षी ने गीतों से पहले नौसेना की सेवा की थी। 1944 से 1956 तक वे भारतीय नौसेना में कार्यरत रहे। उनके गीतों में जो देशभक्ति और भावना दिखती है, उसका आधार उनके सैन्य अनुभव में ही छिपा है।
मोहम्मद अली शाह : पर्दे पर भी निभाई सैनिक की सच्चाई
नसीरुद्दीन शाह के भतीजे मोहम्मद अली शाह ने हैदर फिल्म में फौजी अफसर की भूमिका निभाई थी। असल जीवन में भी वे दो वर्षों तक इंडो-पाक सीमा पर तैनात रहे। उनकी भूमिका में जो गहराई और सच्चाई दिखती है, वह उनके असली अनुभवों का ही नतीजा है।