केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि भारत को भी अमेरिका के FDA (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) की तर्ज पर वैश्विक मानकों वाला ‘भारत FDA’ स्थापित करना चाहिए। उन्होंने इसे देश की फार्मास्युटिकल उद्योग को नए आयाम देने वाला कदम बताया।

निर्मला सीतारमण गोवा में इंडिया फाउंडेशन द्वारा आयोजित 8वें इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव में बोल रही थीं। उन्होंने कहा, “भारत फार्मास्युटिकल मानकों को लेकर बड़ी तेजी से आगे बढ़ रहा है। जैसे अमेरिका के FDA मानक निर्यात के लिए उपयोगी हैं, वैसे ही हमें भारत में ‘भारत फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन’ की स्थापना करनी चाहिए, जो वैश्विक मानकों और बेंचमार्क को सुनिश्चित कर सके।”

ब्रांड इंडिया’ को बनाएं नवाचार का केंद्र

वित्त मंत्री ने भारत को ‘ब्रांड इंडिया’ के रूप में स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को आधुनिक शहरी आवश्यकताओं के लिए नवाचारी समाधान प्रस्तुत करने वाले गंतव्य के रूप में पहचाना जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए ‘LIFE’ (Lifestyle for Environment) के मॉडल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “हमारे आर्थिक विकास का मॉडल प्रकृति के अनुकूल होना चाहिए और इसमें स्थिरता को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।”

पर्यटन स्थलों पर डिजिटल लर्निंग की आवश्यकता

वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि देश के प्रमुख 100 पर्यटन स्थलों पर डिजिटल माध्यम से आत्म-शिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा, “इन पर्यटन स्थलों की वास्तुकला, उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत, और उनसे जुड़ी भाषाओं जैसे संस्कृत और पाली का अध्ययन करने के लिए डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराई जानी चाहिए।”

सर्कुलर अर्थव्यवस्था अपनाने पर बल

निर्मला सीतारमण ने सर्कुलर अर्थव्यवस्था की अवधारणा को अपनाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “पुन: उपयोग और पुनर्चक्रण के सिद्धांतों को अपनाना हमारा नैतिक कर्तव्य है। हमें समझना चाहिए कि पूंजीवाद की सीमाएं हैं और भारत को ‘जिम्मेदार पूंजीवादी’ देश के रूप में अपनी पहचान बनानी चाहिए।”

स्टार्टअप और गिग इकॉनमी को वैश्विक मंच पर लाने की क्षमता

उन्होंने स्टार्टअप्स और गिग इकॉनमी की क्षमता पर भी बात की। वित्त मंत्री ने कहा, “तेज वाणिज्य जैसे नवाचार भारत को भविष्य में वैश्विक खिलाड़ियों की श्रेणी में खड़ा कर सकते हैं।”

इस कॉन्क्लेव में देशभर से विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जहां भारत के विकास और वैश्विक पहचान को लेकर कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर चर्चा हुई।

रिपोर्ट: शिवांशु सिंह

 

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