भारत की शर्तों पर सीजफायर को मिली मंजूरी: पाकिस्तान को झुकना पड़ा
नई दिल्ली, 11 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच शुक्रवार को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता सामने आई जब दोनों देशों ने सीजफायर पर सहमति जताई। हालांकि, सूत्रों की मानें तो यह समझौता पूरी तरह भारत की शर्तों पर हुआ है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ शब्दों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को निर्देश दिया था कि किसी भी कीमत पर भारत की स्थिति से समझौता नहीं होना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में यह स्पष्ट कर दिया था कि भारत अपनी कूटनीतिक और सैन्य मजबूती के आधार पर ही बातचीत करेगा। पाकिस्तान द्वारा संपर्क किए जाने के बाद ही सीजफायर की प्रक्रिया शुरू हुई थी। इस बीच भारत की ओर से की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया, जिसके बाद पाकिस्तानी एनएसए और एयर आईएसआई प्रमुख असीम मलिक ने अजीत डोभाल से बैकचैनल वार्ता की पहल की।
दोपहर 3:35 बजे हुई डीजीएमओ कॉल, शाम 5 बजे से बंद हुई गोलाबारी
भारतीय सेना के डीजीएमओ को शुक्रवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तानी समकक्ष का फोन आया, जिसमें सीमा पर सभी प्रकार की सैन्य गतिविधियों—जमीनी, हवाई और समुद्री—को तत्काल प्रभाव से रोकने पर सहमति बनी। यह सीजफायर शाम 5 बजे से लागू हो गया।
कोई तीसरा पक्ष नहीं, भारत-पाक के बीच सीधी बातचीत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया कि इस वार्ता में किसी तीसरे देश की कोई भूमिका नहीं रही। यह बातचीत पूरी तरह दोनों देशों के अधिकारियों के बीच हुई। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों सेनाओं को सीजफायर का आदेश भेज दिया गया है और आगामी 12 मई को दोपहर 12 बजे फिर से दोनों डीजीएमओ स्थिति की समीक्षा के लिए बात करेंगे।
भारत की आतंकवाद पर नीति में कोई बदलाव नहीं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस सीजफायर की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत-पाक के बीच द्विपक्षीय सहमति से यह कदम उठाया गया है, लेकिन भारत की आतंकवाद के प्रति नीति पहले की तरह ही कठोर रहेगी। “भारत आतंकवाद के किसी भी स्वरूप को स्वीकार नहीं करता और यह नीति आगे भी जारी रहेगी,” उन्होंने कहा।