गोरखपुर सिविल कोर्ट में न्याय सेवा के प्रतीक बने कैलाशपति व ओंकारनाथ मिश्र, चित्र अनावरण समारोह में न्यायाधीश ने की सराहना
गोरखपुर।
सिविल कोर्ट गोरखपुर के वरिष्ठ अधिवक्ताओं स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र और स्वर्गीय ओंकारनाथ मिश्र को शुक्रवार को एक भावपूर्ण समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पंकज मित्थल ने दोनों अधिवक्ताओं के चित्र का अनावरण करते हुए उनके न्याय क्षेत्र में योगदान को ‘प्रेरणा का स्रोत’ बताया।
दीवानी न्यायालय के बार सभागार में आयोजित इस समारोह में न्यायमूर्ति मित्थल ने कहा कि अधिवक्ता न्याय व्यवस्था की रीढ़ हैं और स्व. कैलाशपति मिश्र व स्व. ओंकारनाथ मिश्र जैसे व्यक्तित्वों ने अपने जीवन में इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। उन्होंने कहा कि न्याय दिलाने में इन अधिवक्ताओं का कार्य न केवल आदर्श रहा, बल्कि उन्होंने समाज व शिक्षा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्वर्गीय कैलाशपति मिश्र ने 1946 से 1994 तक लगभग 48 वर्षों तक गोरखपुर सिविल कोर्ट में वकालत की। गणित में एमए और एलएलबी की उपाधि प्राप्त करने के बाद उन्होंने कानून के सिविल पक्ष में गहरी पकड़ बनाई। वे पूर्वोत्तर रेलवे के लीगल एडवाइजर और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के अधिवक्ता भी रहे। शिक्षा के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा, जहां वे कई शिक्षण संस्थाओं से जुड़े रहे और जनता हाईस्कूल बिशनपुरा के संस्थापक भी बने।
वहीं, स्वर्गीय ओंकारनाथ मिश्र ने अपने पिता के आदर्शों का पालन करते हुए 1967 से 2021 तक 50 वर्षों से अधिक समय तक सिविल कोर्ट में वकालत की। वे मंडी समिति के अधिवक्ता के रूप में कार्यरत रहे और रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल सहित कई सरकारी व निजी मध्यस्थता संस्थाओं से भी जुड़े रहे। सामाजिक कार्यों में उनकी सक्रियता ने उन्हें एक विशिष्ट पहचान दिलाई। कोरोना काल के दौरान 26 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया।
समारोह के दौरान सांसद रवि किशन शुक्ला और महापौर डॉ. मंगलेश कुमार श्रीवास्तव ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप पांडेय व महामंत्री गिरिजेश मणि त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से स्मृति चिह्न भेंट कर श्रद्धांजलि दी।
इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड अनुपम मिश्र, पारिवारिक न्यायालय के जज राजेश्वर शुक्ल, बार काउंसिल सदस्य मधुसूदन त्रिपाठी, अवनीश नाथ मिश्र, संगीता तिवारी, रामेश्वर धर द्विवेदी, धर्मेंद्र मिश्र, फैयाज खान, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी सहित कई गणमान्य अधिवक्ता और अधिकारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि अधिवक्ता समाज के लिए मार्गदर्शन की मशाल हैं और स्वर्गीय मिश्रद्वय के जीवन से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेती रहेंगी।