नड्डा को लिखा पत्र

मणिपुर में जारी हिंसा और अस्थिरता के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। एनपीपी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि मौजूदा सरकार राज्य में शांति और स्थिरता स्थापित करने में नाकाम साबित हुई है।

पार्टी अध्यक्ष कोनराड संगमा की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि पिछले कुछ हफ्तों में मणिपुर में हालात और बिगड़े हैं। हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान चली गई है, और राज्य के नागरिक असहनीय पीड़ा से गुजर रहे हैं। पत्र में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व में सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए।

एनपीपी के प्रवक्ता ने कहा, “हमने लंबे समय तक राज्य सरकार के साथ काम किया, लेकिन अब ऐसा लगता है कि मौजूदा नेतृत्व के तहत आगे काम करना संभव नहीं है। मणिपुर में शांति बहाली के लिए यह फैसला जरूरी हो गया था।”

इस घटनाक्रम के बाद मणिपुर में सत्तारूढ़ गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। एनपीपी के समर्थन वापसी के बाद राज्य की राजनीतिक स्थिति और अस्थिर हो गई है।

इससे पहले, राज्य की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी महाराष्ट्र चुनावी रैलियां रद्द कर दिल्ली लौटने का निर्णय लिया था। शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर मणिपुर के हालात की समीक्षा की थी।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनपीपी के इस कदम से न केवल राज्य में गठबंधन की स्थिति कमजोर हुई है, बल्कि भाजपा को भी राष्ट्रीय स्तर पर चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

 

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