करोड़ों उपभोक्ता हुए प्रभावित
बैंकिंग सेवाओं में बाधा, एनपीसीआई और आरबीआई की चुप्पी

नई दिल्ली। बुधवार को भारत में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) प्रणाली में आई बड़ी तकनीकी खराबी के कारण देशभर में डिजिटल लेन-देन ठप हो गया। इस आउटेज के चलते गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे प्रमुख यूपीआई ऐप्स के माध्यम से भुगतान करना संभव नहीं हो पाया, जिससे करोड़ों उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ा।

बैंकों की सेवाओं पर असर
हालांकि कुछ बैंक, जैसे आईसीआईसीआई, इस दौरान भी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रखने में सफल रहे, लेकिन एचडीएफसी बैंक सहित कई अन्य बैंक लेन-देन में दिक्कतों का सामना करते रहे। स्थानीय दुकानों से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग तक यूपीआई पर निर्भर उपभोक्ताओं को लेन-देन में असुविधा झेलनी पड़ी।

शिकायतों में बढ़ोतरी
सेवा बाधित होने के बाद डिटेक्शन प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर पर यूपीआई से जुड़ी शिकायतों की संख्या में भारी उछाल देखा गया। हजारों उपभोक्ताओं ने भुगतान विफल होने और एप्लिकेशन में लॉगिन की समस्या की शिकायत दर्ज कराई।

यूपीआई: डिजिटल भुगतान की रीढ़
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित यूपीआई, देश में डिजिटल भुगतान का प्रमुख माध्यम बन गया है। इसकी मदद से उपभोक्ता मोबाइल नंबर या यूपीआई आईडी के जरिए त्वरित फंड ट्रांसफर कर सकते हैं। एनईएफटी और आईएमपीएस जैसे पारंपरिक तरीकों की तुलना में यूपीआई का उपयोग अधिक सुविधाजनक है, क्योंकि यह शुल्क मुक्त सेवा है।

सुरक्षा प्रोटोकॉल के बावजूद धोखाधड़ी का खतरा
यूपीआई में दो-स्तरीय प्रमाणीकरण (2FA), एन्क्रिप्शन तकनीक और वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) जैसी सुरक्षा व्यवस्थाएं हैं, जो बैंक खाता जानकारी को गोपनीय रखती हैं। फिर भी, साइबर धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वर्ष 2022 में ही 95,000 से अधिक यूपीआई फ्रॉड के मामले सामने आए थे, जिनमें ठगों ने उपभोक्ताओं को गुमराह कर संवेदनशील जानकारी हासिल कर ली थी।

कारण पर एनपीसीआई और आरबीआई की चुप्पी
बुधवार के इस आउटेज का कारण अब तक एनपीसीआई या आरबीआई द्वारा स्पष्ट नहीं किया गया है। डिजिटल भुगतान पर बढ़ती निर्भरता के बीच इस तरह की रुकावटें उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए चिंता का विषय बन गई हैं। विशेषज्ञों ने उपभोक्ताओं को ऑनलाइन लेन-देन में सतर्कता बरतने और किसी भी अनजान लिंक या कॉल पर बैंकिंग जानकारी साझा न करने की सलाह दी है।

 

रिपोर्ट: शिवम पांडे

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