वक़्फ़ संशोधन विधेयक: संख्या बल में आगे NDA,

विरोध के बावजूद पारित होने की संभावना

नई दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को वक़्फ़ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा और मतदान होने की संभावना है। संख्या बल के आधार पर भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को विधेयक पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी। NDA के पास कुल 293 सांसदों का समर्थन है, जो बहुमत के लिए आवश्यक 272 से अधिक है, जबकि विपक्ष के INDIA गठबंधन के पास 235 सांसद हैं और कुल विपक्षी संख्या 241 तक पहुंचती है।

NDA का बहुमत मजबूत, सहयोगी दलों की संशयपूर्ण स्थिति
भाजपा के 240 सांसदों के अलावा, NDA में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के 16, जनता दल (यूनाइटेड) के 12, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 5, एकनाथ शिंदे की शिवसेना के 7, राष्ट्रीय लोक दल (RLD), जनता दल (सेक्युलर) और जनसेना पार्टी (JSP) के 2-2, जबकि अन्य छोटे दलों में NCP, अपना दल, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन, असम गण परिषद (AGP), यूपीपीएल और एसकेएम का एक-एक सांसद शामिल हैं।

हालांकि, TDP और JDU ने विधेयक के कुछ प्रावधानों पर चिंता जताई है और संशोधन प्रस्तावित कर सकते हैं, लेकिन अंततः वे इसके समर्थन में मतदान करने की संभावना रखते हैं। JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद संजय झा ने कहा कि, “हम चाहते हैं कि विधेयक के प्रावधानों को पिछली तिथि से लागू न किया जाए और पहले की व्यवस्था बनी रहे।”

TDP ने की राज्य सरकारों को अधिक अधिकार देने की मांग
TDP ने भी इस विधेयक के कुछ पहलुओं पर आपत्ति जताई है, खासकर गैर-मुसलमानों को वक़्फ़ बोर्ड में शामिल करने के प्रावधान को लेकर। पार्टी का कहना है कि इस निर्णय को राज्यों के विवेक पर छोड़ दिया जाना चाहिए। TDP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “गैर-मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व का फैसला राज्यों को करना चाहिए, हालांकि महिलाओं को वक़्फ़ बोर्ड में शामिल करने का प्रावधान एक सकारात्मक बदलाव है।”

विपक्ष लामबंद, वोटिंग की मांग पर अड़ा
विपक्षी दलों ने विधेयक के खिलाफ मतदान कराने की मांग की है। कांग्रेस (99 सांसद), समाजवादी पार्टी (37), तृणमूल कांग्रेस (28), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (22), शिवसेना (UBT) (9), NCP-SP (8), माकपा (4), राजद (4), आम आदमी पार्टी (3), झारखंड मुक्ति मोर्चा (3), IUML (3), और जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस (2) समेत अन्य दल इसके विरोध में मतदान करेंगे।

इसके अलावा, AIMIM, आज़ाद समाज पार्टी (1-1 सांसद) और YSR कांग्रेस (4 सांसद) ने भी विधेयक का विरोध करने की घोषणा की है।

सरकार के पक्ष में माहौल, संसदीय प्रक्रिया पर नजर
विधेयक में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की सिफारिशों को शामिल किया गया है। इसे बुधवार दोपहर विचार के लिए पेश किया जाएगा और आठ घंटे की चर्चा के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू सरकार की ओर से जवाब देंगे।

 

 

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