4PM चैनल पर प्रतिबंध : पत्रकारिता की आड़ में एजेंडा चलाने का आरोप
भारत सरकार द्वारा हाल ही में एक विवादास्पद यूट्यूब न्यूज़ चैनल ‘4PM’ पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बताया जा रहा है कि चैनल लगातार ऐसे समाचार और थंबनेल प्रकाशित कर रहा था जो न केवल भ्रामक थे, बल्कि सरकार और सुरक्षाबलों के खिलाफ झूठी कथा गढ़ने का प्रयास कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार, चैनल की कार्यशैली पत्रकारिता के सिद्धांतों से अधिक एकतरफा एजेंडे के प्रचार जैसी प्रतीत हो रही थी। समाचार के नाम पर व्यक्तिगत विचार थोपना, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत करना और राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण रुख अपनाना इस चैनल की पहचान बन चुकी थी। साथ ही, कई बार बिना प्रमाण और पुख्ता स्रोत के गंभीर आरोप लगाए गए जो सीधे तौर पर देश की आंतरिक व्यवस्था को प्रभावित कर सकते थे।
जानकारों का मानना है कि 4PM चैनल की पत्रकारिता निष्पक्षता और जवाबदेही से कोसों दूर थी। ‘वॉयस ऑफ द पीपल’ के नाम पर इस मंच का उपयोग केवल व्यक्तिगत प्रचार और व्यावसायिक लाभ के लिए किया जा रहा था। इसके वीडियो थंबनेल तक में सनसनी फैलाने वाले और भावनाएं भड़काने वाले शब्दों का प्रयोग साफ तौर पर एजेंडा आधारित पत्रकारिता की ओर इशारा करता है।
लोकतंत्र में सवाल पूछना और आलोचना करना हर पत्रकार और नागरिक का अधिकार है, लेकिन जब सवालों के पीछे उद्देश्य केवल अफवाह फैलाना, जनता को गुमराह करना और राष्ट्रीय हितों को क्षति पहुंचाना हो, तब उस पर कड़ी कार्रवाई आवश्यक हो जाती है।
फिलहाल, ‘4PM’ चैनल पर की गई यह कार्रवाई सोशल मीडिया और मीडिया इंडस्ट्री में एक बड़ा संदेश है कि जिम्मेदार पत्रकारिता और झूठ फैलाने वाली पत्रकारिता में स्पष्ट अंतर है।